बिहार के विकास की बुनियाद बनेगा शराबबंदी : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 5 मई 2016

बिहार के विकास की बुनियाद बनेगा शराबबंदी : नीतीश

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दरभंगा 04 मई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को राज्य के विकास की बुनियाद बताया और कहा कि शराबबंदी से जहां एक ओर लोगों का स्वभाव बदलेगा वहीं दूसरी तरफ उनका व्यवहार और आचरण भी बदलेगा जिससे समाज में सहिष्णुता का माहौल बनेगा। श्री कुमार ने आज यहां विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह स्मारक चेयर के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘विकास का समाजशास्त्र’’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद कहा कि सामाजिक विकास का सिद्धांत समाज की संरचना और ढ़ांचे में होने वाले गुणात्मक परिवर्तन को रेखांकित करने में सहायक होता है और समाज को उसके लक्ष्यों को बेहतर तरीके से प्राप्त करने में मदद करता है। उन्होंने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी अगली पंक्ति में खड़े व्यक्ति के बराबरी में लाने के अपने निश्चय की चर्चा करते हुए कहा कि विकास का लाभ जबतक समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को नहीं मिलता वो विकास बेमानी है। मुख्यमंत्री ने समाजशास्त्रियों का आह्वान किया कि वे विकास के समाजशास्त्र की दिशा में ठोस अघ्ययन एवं विवेचना कर निष्कर्ष निकालें। उन्होंने कहा कि अघ्ययन में विकास कैसा हो , इसपर जोर दें। उन्होंने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में विकास के दावे किये जा रहे लेकिन सच्चाई को आम लोग बेहतर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने विकास दर की सूची में भी हेराफेरी की आशंका जतायी। 

श्री कुमार ने राज्य की सर्वाधिक सफल योजनाओं में से एक साईकिल योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्वरूप में जबर्दस्त बदलाव लाया है और आज बालक और बालिका दोनों की संख्या शिक्षण के क्षेत्र में करीब बराबर हो गयी है। उन्होंने आंकड़ो का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2009 में जहां एक लाख 70 हजार साईकिल वितरित की गयी , वहीं 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर करीब साढ़े आठ लाख तक पहुंच गया। बालिका साइकिल योजना की सफलता से उत्साहित सरकार ने बालकों को भी साईकिल देने की योजना शुरू की और इस वर्ष अबतक 17 लाख बालक-बालिकाओं को साईकिल दे दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में विकास के प्रसार और उसे टिकाउ बनाने वाले सबसे शक्तिशाली माध्यमों में एक उसकी शैक्षणिक प्रणाली है। शिक्षा समाज को विकास के मायने से वाकिफ कराती है। उन्होंने हर तबकों में ज्ञान की लौ पहुंचाने का आह्वान करते हुए कहा कि ज्ञानियों की फौज जरूरी है। उन्होंने विकास की योजनाओं को लागू करने में पूर्वाग्रह से दूर रहने की जरूरत बतायी। इस मौके पर सुलभ इन्टरनेशनल के संस्थापक पद्म विभूषित डा0 बिन्देश्वर पाठक ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी समाज के विकास को नया आयाम देगी। पूर्ण शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे बड़ा , साहसी एवं स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार में विकास का समाजशास्त्र अब बदल जाएगा। 

वहीं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ समाजिक चिंतक प्रो0 आनन्द कुमार ने कहा कि विकास का समाजशास्त्र आज प्रासंगिक हो गया है। विकास का सपना आज हर मनुष्य देख रहा है। सभी को शांति और खुशी चाहिए। उन्होंने समाजशास्त्रियों का आह्वान किया कि वे आम लोगों में विकास का अंकुर भरें। उन्होंने कहा कि विश्व के विकास का दावा होने के बावजूद आज भी दो अरब से ज्यादा लोग भूखे पेट सोने को मजबूर है। लोगों को ऐसा विकास नहीं चाहिए जिसमें पूंजी के विकास को ही विकास समझा जाता है। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 साकेत कुशवाहा ने कहा कि समाज की विभिन्न क्रियाओं के वैज्ञानिक अध्ययन को प्रस्तुत करने वाले शास्त्र को समाजशास्त्र कहा जाता है। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक विकास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विकासशील राष्ट्र राजनीतिक विकास को आर्थिक विकास से महत्वपूर्ण मानता है। महिला-पुरूष में असमानता घटी है, अमीर-गरीब के बीच की दूरी कम हुई है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उपज में बढ़ोत्तरी हुई है, तकनीक का विकास एवं संचार क्रांति का लाभ जन-जन को मिलने लगा है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के नैनो टेक्नोलॉजी सेन्टर, प्लेसमेंट सेल एवं कन्वेंशन सेन्टर का उद्घाटन भी किया । अतिथियों का स्वागत महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल चेयर के अध्यक्ष डा0 विनोद कुमार चौधरी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डा0 अजीत कुमार सिंह ने दिया। इस अवसर पर बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा0 मदनमोहन झा, नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मदन सहनी समेत कई विधायक एवं विधान पार्षद उपस्थित थे। 

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