नयी दिल्ली, 01 मई, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर रिश्वत मामले में एक दूसरे कोे घेरने में जुटी सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच अगले सप्ताह संसद में घमासान होना तय है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही इस मुद्दे के संदर्भ में एक- दूसरे के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन के नोटिस दिये हैं। इन नोटिसों के बारे में पार्टियों के दिग्गज रणनीति बनाने और चक्रव्यूह की रचना में लगे हैं। भाजपा नीत सरकार द्वारा मनोनीत नये सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा हेलिकॉप्टर सौदे के बारे में सदन में की गयी टिप्पणी को लेकर विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। वहीं कांग्रेस ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा इस सौदे के बारे में संसद के बाहर बयान देने के मामले में नोटिस दिया है। श्री स्वामी ने इस सौदे में रिश्वत के मुद्दे पर भी सदन में चर्चा के लिए नोटिस दे रखा है। इन नोटिसों पर अभी निर्णय लिया जाना है लेकिन श्री स्वामी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अपने नोटिस का मुद्दा उठाने से नहीं चूकते। कांग्रेस के सदस्य भी श्री स्वामी के कुछ बोलने के लिए खडे होते ही आक्रामक मुद्रा में आ जाते हैं। संसद के बाहर भी दोनों दल इस मुद्दे पर अपनी अपनी दलीलों से अपने को पाक साफ और दूसरे को दोषी बताने में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं। संसद सत्र शुरू होने से पहले उत्तराखंड और विजय माल्या जैसे मुद्दों पर आक्रामक तेवर अपनाने वाली कांग्रेस हेलिकॉप्टर सौदे में अपनी अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम आने के बाद से बैकफुट पर आ गयी है और वह बचाव की मुद्रा में है। कांग्रेस ने आगामी 6 मई को संसद का घेराव करने का एलान किया है। पार्टी पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एस पी त्यागी विवेकानंद फाउंडेशन से जुडे होने का उल्लेख कर सरकार को घेरने की कोशिश में है।
उधर श्रीमती गांधी पर निशाना साधने के लिए भाजपा को इससे बेहतर मौका नजर नहीं आ रहा है और इसलिए उसके नेता था सरकारी तंत्र कांग्रेस को घेरने में कोई काेर कसर नहीं छोड रहे हैं। रक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मुद्दे पर विस्तार से अलग अलग दी गयी सफाई में जहां विपक्ष के आरोपों को नकारा है वहीं उल्टे तत्कालीन कांग्रेस की दलीलों को गलत ठहराते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। केन्द्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में सक्रिय हो गये हैं और उन्होंने कुछ लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर उल्टे चोर कोतवाल को डांटे का रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए श्रीमती गांधी से इस मामले में सच्चाई बयान करने की मांग की है। उधर कांग्रेस ने सरकार पर उसे धमकाने का आरोप लगाते हुए दो महीने में जांच पूरा करने की चुनौती दी है जिससे सच्चाई सामने आ सके। भाजपा इस मुद्दे पर इसलिए भी आक्रामक रुख अपना रही है क्योंकि इसके चलते उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन और विजय माल्या का देश छोडकर भागने के कांग्रेस के मुख्य मुद्दे गौण हो गये हैं।
इस स्थिति में बजट से संबंधित विधायी कामकाज को इस सप्ताह कराना सरकार के लिए बडी चुनौती होगी। इसी सप्ताह वित्त विधेयक को मंजूरी के साथ साथ 8 मंत्रालयों के कामकाज और अनुदान पर चर्चा भी एजेन्डे में है। पिछले सप्ताह दोनों सदनों में 7 विधेयक पारित किये गये । लोकसभा में वनीकरण निधि से संबंधी महत्वपूर्ण विधेयक भी एजेन्डे में है। सरकार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन से संबंधित अध्यादेश को मंजूरी और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी विधेयक भी पारित कराने हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें