लखनऊ में चिडियाघर कर्मचारी दुर्लभ वन्य जीवों के सफल ब्रीडिंग से उत्साहित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 1 मई 2016

लखनऊ में चिडियाघर कर्मचारी दुर्लभ वन्य जीवों के सफल ब्रीडिंग से उत्साहित

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लखनऊ 01 मई, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान कर्मचारी दुर्लभ वन्य जीवों के सफल प्रजन्न को लेकर उत्साहित है । प्राणि उद्यान के निदेशक अनुपम गुप्ता ने आज यहां बताया कि चिडियाघर में वन्य जीवों, विषेशकर दुर्लभ वन्य जीवों की ब्रीडिंग पर विषेश ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परिणाम स्वरुप कुछ माह पहले बब्बर शोर के चार शावक हुए जो पूण रुप से स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में राज्य पक्षी सारस की ब्रीडिंग कराकर दो बच्चे हुए हैं। इसके अतिरिक्त पिछले कुछ समय में अनेक अन्य वन्य जीवों की भी सफल ब्रीडिंग करायी गयी है जिसमें लोमड़ी, तेंदुआ एवं सेही शामिल हैं । उन्होंने बताया कि लोमड़ी के जोड़े के लिए वानर वाटिका के निकट बाड़े की मरम्मत कर उन्हें लोमड़ी के स्वभाव के अनुरूप एवं प्राकृृतिक रूप से अनुकूल बाड़ा बनाया गया है। इससे उन्हें एकान्त में रखा गया है तथा लोमड़ी को जमीन के नीचे सुरंग आदि बनाने के लिए कच्ची मिट्टी की व्यवस्था की गयी है। श्री गुप्ता ने बताया कि इसके फलस्वरूप लोमड़ी ने कुछ समय पहले अपने प्राकृतिक आवास वाले बाडे में एक बच्चे को जन्म दिया गया। उनका कहना है लोमड़ी की ब्रीडिंग बहुत ही कठिन कार्य है तथा देश के गिने-ं चुने प्राणि उद्यानों में ही पिछले कुछ समय में लोमड़ी की सफल ब्रीडिंग हो पायी है। लखनऊ में भी 15 साल से अधिक समय के बाद किसी लोमड़ी ने बच्चे को जन्म दिया है ।

प्राणी उद्यान के निदेशक ने बताया कि इसके अलावा तेंदुआ ने भी कुछ समय पहले एक शावक को जन्म दिया है। शावक और मादा तेंदुआ स्वस्थ हैं। यह माता तेंदुआ सीतापुर के एक गांव में जंगल से भटक कर चोटिल होने के बाद गांव की तरफ आ गयी थी जिसे प्राणि उद्यान के चिकित्सक तथा वन्य जीव विषेशज्ञ डा0 उत्कर्श शुक्ला द्वारा प्राणि उद्यान लाकर उसका उपचार किया गया। मां और शावक को बेहतर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से चिकित्सकों एवं कीपरों की निगरानी में प्राणि उद्यान स्थित वन्य जीव चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। श्री गुप्ता ने बताया कि चिडियाघर में दर्शकों के लिए डिस्प्ले में रात्रिचर बाडे में एक बहुत ही अत्यन्त दुर्लभ सफेद सही रखी गयी है। यह सफेद सेही कई साल पहले रेस्क्यू कर यहां लायी गयी थी। सामान्यतः सेही काले रंग की होती है । प्रदेश में इस तरह की कोई अन्य सफेद सेही नहींं है तथा देश में भी सम्भतः यह अपने में एक अनूठी है। इस सफेद सेही से ब्रीडिंग कराकर दुर्लभ सफेद सेही को प्राप्त करने का प्रयास प्राणि उद्यान प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। पिछले माह इस नर सफेद सेही का दो मादाओं से मिलन कराया गया था। इन मादाओं से तीन बच्चे हुए हैं जो कि मां के साथ रात्रिचर बाड़े में रखे गये हैं। यह बच्चे दर्शकों के लिए कौतूहल का विषय बने हुए हैं तथा काफी दर्शक इन सेही बच्चों को देखकर आनन्दित हो रहे हैं। 

फिलहाल इन बच्चों में अभी सफेद रंग के लक्षण नहीं दिखायी दे रहे हैं। डाॅक्टरों का मानना है कि लगातार ब्रीडिंग कराने से सम्भतः अगले वर्ष में बच्चे सफेद होने के भी आसार हैं। यदि इस तरह का प्रयास सफल हो गया तो यह सफेद सेही की ब्रीडिंग का देश में एक अनौखी तथा अनूठी मिसाल होगी। श्री गुप्ता का दावा है कि लखनऊ प्राणि उद्यान को देश का सर्वश्रेश्ठ प्राणि उद्यान बनाने की दिशा में यह एक और प्रयास है। उन्होंने बताया कि चिडियाघर विलुप्त वन्य जीवों के प्रजन्न का बेहत्तर केन्द्र हैं । उन्होंने बताया कि यहां पैदा होने वाले वन्य जीवों की संख्या बढने पर दूसरे चिडियाघरो में भेजने और उनके बदलने वहां से दूसरे जीवों की भी लाया 

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