नयी दिल्ली 09 मई, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सदन के बाहर बयान दिये जाने पर कांग्रेस ने आज राज्यसभा में कडी आपत्ति की और उनसे माफी की मांग करते हुए भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही छह बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित करनी पडी। कांग्रेस सदस्यों ने सुबह कार्यवाही शुरू होते ही जोर शोर से यह मामला उठाते हुए कामकाज में बाधा डाली जिसके कारण बार बार के स्थगन के चलते पहले शून्यकाल और फिर प्रश्नकाल नहीं हो सका। भोजनावकाश के बाद भी कांग्रेस सदस्यों ने सदन नहीं चलने दिया और जब तीन बजे फिर से कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के सदस्य एक बार फिर आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने इस बीच कहा कि हंगामा कर रहे सदस्य दूसरे सदस्यों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं और नियम 256 का इस्तेमाल करते हुए इन्हें सदन से बाहर निकाला जाना चाहिए।
भाजपा के भूपेन्द्र यादव ने भी सभापति से कहा कि वह नियम 255 का इस्तेमाल कर एक एक कर हंगामा करने वालों को बाहर करने पर विचार करें। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि नियम 256 के इस्तेमाल के लिए सरकार या सदन के किसी सदस्य को प्रस्ताव लाना होगा । वह अपने आप से यह काम नहीं कर सकते। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब भी देश के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण विषय पर सदन में चर्चा होती है कांग्रेस के सदस्य उसमेंं बाधा डालने के लिए हंगामा करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से नियम 256 के तहत मजबूरी में ही कदम उठाया जाता है और सरकार इस तरह का निर्णय भारी मन से लेती है । उन्होंने कहा कि हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ नियम 255 के तहत कदम उठाया जाना चाहिए। श्री कुरियन ने कहा कि रेलवे विनियोग विधेयक तथा वित्त विधेयक बेहत महत्वपूर्ण हैं और सदन को इन्हें पारित कर लोकसभा को लौटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों ने सदन को असहाय कर दिया है और उनका सख्ती से यह मानना है कि यदि सदस्य शांत नहीं होते हैं तो उन्हें इन दोनों विधेयकों को बिना चर्चा के ही पारित कराना पडेगा। कांग्रेस सदस्यों के शांत नहीं होने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

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