नयी दिल्ली,09 मई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्नातक (बीए) और स्नातकोत्तर (एमए) की डिग्रियां आज सार्वजनिक करके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से माफी मांगने की मांग की लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) ने इन्हें “फर्जी” करार दिया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री मोदी की बीए और एमए की डिग्रियों को सार्वजनिक करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्रियों के संबंध तथ्यों की पुख्ता जानकारी के बिना ही उनकी शैक्षिक योग्यता पर आरोप लगाने के लिए आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए। श्री शाह और श्री जेटली ने कहा कि श्री मोदी ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा पास की थी और 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी। इसके तुरंत बाद आप द्वारा बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रवक्ता आशुतोष ने भाजपा की ओर से सार्वजनिक की गयी डिग्रियों को फर्जी बताया और कहा कि श्री शाह और श्री जेटली को देश के लोगों को गुमराह करने के लिए माफी मांगनी चाहिये ।
आप नेता ने कहा कि 1977 में बीए का जो अंकपत्र जारी किया गया है, उसमें श्री मोदी का पूरा नाम नरेन्द्र कुमार दामोदर दास मोदी लिखा गया है जबकि उनकी डिग्री पर उनका नाम नरेन्द्र दामोदर मोदी लिखा गया है। गुजरात विश्वविद्यालय ने श्री मोदी की एमए की 1983 में जो डिग्री जारी की है, उसमें भी उनका पूरा नाम नरेन्द्र दामोदर दास मोदी लिखा गया है और उनका विषय एंटायर पोलिटिकल साइंस बताया गया। श्री आशुतोष ने सवाल उठाया कि श्री मोदी ने अगर नाम में कोई बदलाव किया तो उसका प्रमाण प्रस्तुत करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि उन्होंने भी राजनीति शास्त्र से एम ए तक की पढ़ाई की है लेकिन एंटायर पोलिटिकल साइंस जैसे विषय की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वे उनके साथ दिल्ली विश्वविद्यालय चलें और प्रधानमंत्री की डिग्रियों को लेकर तथ्यों की जानकारी लें। श्री जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुये कहा कि देश में संघीय ढांचा है और कई बार इसमें केन्द्र के वर्चस्व के कारण कुछ राज्यों को शिकायत रहती है लेकिन इस बार तो श्री केजरीवाल ने जिस प्रकार का आचरण किया है, उससे लगता है कि वह ‘शासन का विकल्प बनने के लिए दुस्साहस की राजनीति’ कर रहे हैं। जिस राजनीतिक दल की कई विधायकों की डिग्रियों के जाली होने को लेकर जांच की गई है और सजा हुई है, वही पार्टी प्रधानमंत्री की डिग्रियों को लेकर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन पर बहस होनी चाहए लेकिन तथ्यों की जांच के बिना इतने निचले स्तर पर उतर कर आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए।

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