नयी दिल्ली, भारत ने बंगलादेश के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का संकल्प व्यक्त करते हुए उसे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी मदद का भरोसा दिया है। विदेश सचिव डॉ. एस जयशंकर की आज संपन्न हुई दो दिन की बंगलादेश के दौरान दोनों देशों ने आतंकवाद सहित द्विपक्षीय क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर चर्चा की ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में बताया कि डॉ. जयशंकर ने 11-12 मई को बंगलादेश की यात्रा की। विदेश सचिव ने बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री ए.एच.महमूद अली से 11 मई को मुलाकात की और 12 मई को वहां के विदेश सचिव एम शाहिदुल हक से भेंट की। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के विदेश सचिवों ने बातचीत में पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंगलादेश यात्रा के दौरान निर्णय और सहमति के विषयों की समीक्षा की। दोनों पक्षों ने माना कि लिए गए निर्णयों को बहुत अच्छे ढंग से लागू किया गया है। यह सभी क्षेत्रों के परिणामों से जाहिर होता है। प्रमुख विकास कार्यों में भूमि सीमा समझौता, पूर्वी बंगलादेश को त्रिपुरा के पलाताना से 100 मेगावाट बिजली की सप्लाई, चित्तगांव से कृष्णापत्तनम तटीय जहाजरानी सेवाओं का शुरु होना, बंगलादेश से त्रिपुरा को इंटरनेट बैंडविथ की सप्लाई, ऊर्जा सहयोग में प्रगति, दो अरब डालर ऋण के अंतर्गत परियोजनाओं को लागू करने के लिए डालर ऋण लाइन समझौता शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने सुरक्षा और सीमा प्रबंधन, बिजली, शिपिंग, रेल, स्वास्थ्य, ब्लू इकोनॉमी और बंगलादेश में भारतीय एसईजेड की स्थापना के क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि दोनों विदेश सचिवों ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर बातचीत की। विदेश सचिव डॉ. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ बंगलादेश की लड़ाई में भारत का समर्थन व्यक्त किया।
श्री स्वरूप ने बताया कि विदेश सचिव की इस यात्रा से दोनों देशों के विदेश सचिवों के नेतृत्व में ढाका में होने वाली संयुक्त परामर्श आयोग की बैठक का आधार तय करने में मदद मिली है।
बंगलादेश में जमाते इस्लामी के नेता मोतिउर्रहमान निजामी की फांसी की सजा के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बंगलादेश का आंतरिक मामला है जिसे लोगों का समर्थन प्राप्त है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें