- एलएनएमयू में बड़ी कारवाई, फर्जीवाड़ा और अनुशासनहीनता का मामला आया सामने
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा ने फर्जीवाड़ा और अनुशासनहीनता के मामले में बड़ी कारवाई करते हुए विश्वविद्यालय अभियंता सोहन चौधरी सहित 5 कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. श्री चौधरी काफी रसूखदार माने जाते हैं और राजनीतिक परिवार से आते हैं. ऐसे में उनका निलंबन कुलपति के दृढ़ निश्चय को दर्शाता है. सनद रहे कि एम.के.एस. कॉलेज, चंदौना के प्रधानाचार्य को रिश्वत लेते रंगे हाथ निगरानी द्वारा गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय में भी कुलपति अनुशासन को लेकर काफी सख्त हुए हैं. जानकार लोगों की माने तो पहले इस तरह के मामले में कारवाई करने में जांच कमिटी के नाम पर विलम्ब होता रहा है, साथ ही कुलपति ने कई मामलों में राज्य सरकार को निगरानी जांच की अनुशंसा की थी. पर उस मामले में कोई कारवाई नहीं होने से स्थानीय स्तर पर भी प्रशासनिक कारवाई में विलम्ब हो रहा है, पर निगरानी के कारवाई के बाद कुलपति ने विश्वविद्यालय स्तर पर भी कारवाई में तेजी लाई है, जिसके तहत उन्होंने विश्वविद्यालय अभियंता सोहन चौधरी को निलंबित करने का आदेश दिया. इसके साथ ही एमआरएम कॉलेज, दरभंगा के चार कर्मियों को निलंबित कर दिया. साथ ही राजनगर कॉलेज के एक कर्मी जो प्रधानाचार्य के साथ हाथा-पाई किये थे, उसे भी निलंबित कर दिया गया है.
घुसखोर प्रधानाचार्य को एक दिन कबल ही निलंबित कर दिया गया. कुलपति के आदेश पर कुलसचिव डॉ. अजीत कुमार सिंह ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी. विश्वविद्यालय अभियंता सोहन चौधरी के विरूद्ध राजेश कुमार राजेश ने शपथ पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय को 07 जुलाई 2015, 01 फरवरी 2016 और 11 अप्रैल 2016 को एक आवेदन दिया था, जिसमें विश्वविद्यालय अभियंता सोहन चौधरी पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप लगाया था और यहां तक कि उनकी नियुक्ति भी बिना पद और बिना वैकेन्सी के नियुक्ति का आरोप था. विश्वविद्यालय की ओर से उनसे इस बाबत स्पष्टीकरण पूछा गया था. पर वे विश्वविद्यालय के आदेश की अवहेलना करते हुए मूल प्रमाण-पत्र जमा नहीं किये. विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने इस संबंध में बताया कि उनका स्पष्टीकरण का जवाब असंतुष्टपूर्ण है, जिसे अनुशासनहीनता माना गया और उन पर अग्रेत्तर कारवाई की गई. निलंबन के बाद उनका मुख्यालय घोघरडीहा के एक महाविद्यालय में कर दिया गया है. इधर सूत्रों पर भरोसा करें, तो अनुशासनहीनता और फर्जीवाड़े के कई मामले में जल्द ही कारवाई होगी और रसूखदार लोग बेनकाब होंगे.

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