प्रद्योत कुमार,बेगूसराय। बॉलिवुड में एक बहुत पुरानी कहावत है,वैसी कहानी लाओ जैसी उसकी थी,उसी राह का मुसाफिर है फ़िल्म बाग़ी।वर्ष 2013,06 दिसम्बर को प्रभु देवा निर्देशित फ़िल्म आर राजकुमार रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर अपना तासीर छोड़ गया जिसे दर्शक आज भी याद करते हैं।इस फ़िल्म में शाहिद कपूर,सोनाक्षी सिन्हा से प्यार करता है और बीच में आ जाता है बाहुबली तस्कर सोनू सूद जो सोनाक्षी को अपना दिल दे बैठता है और हो जाता है लफरा,फिर हीरो से झगड़ा।ठीक उसी तर्ज पर लगभग दो साल बाद यानी कि 09 जनवरी 2015 को रिलीज़ अर्जुन कपूर,सोनाक्षी सिन्हा और मनोज वाजपेयी अभिनीत फ़िल्म तेवर जिसके निर्देशक अमित शर्मा हैं ने दर्शकों के बीच अच्छा तेवर दिखा दिया।इस फ़िल्म में भी अर्जुन से सोनाक्षी को प्यार हो जाता है और उस दोनों के बीच में कूद पड़ते हैं अपना प्यार लेकर राजनीति के बाहुबली गुंडा भाई साहब,मनोज वाजपेयी,फिर शुरू होता है रगड़ा।ठीक लगभग डेढ़ साल बाद उसी तर्ज पर सब्बीर खान निर्देशित और टाइगर श्राफ,श्रद्धा कपूर एवं सुधीर बाबू अभिनीत फ़िल्म बाग़ी में भी टाइगर को श्रद्धा से प्यार हो जाता है और उस प्यार के बीच में अपना प्यार पाने आ जाते हैं सुधीर बाबू जो मार्शल आर्ट का दुरूपयोग कर ग़लत राह पर चल पड़ता हैं।माशर्ल आर्ट के गुरु-शिष्य परम्परा के आधर पर प्रेम की बुनियाद को आधार मान कर 40 करोड़ की लागत से बनी ये फ़िल्म,अपने देश में लगभग 2750 स्क्रीन पर 29,अप्रैल 2016 को रीलिज किया गया और लगभग 55 करोड़ की कमाई भी हुई।उक्त तीनों फ़िल्म में एक फूल दो माली वाली बात है।एक ही कहानी को अलग-अलग रंग देककर दर्शक के सामने परोसा जा रहा है,भाई दर्शक तो आख़िर दर्शक है,ये जो पब्लिक है सब जानती है............!!!!!
इस फ़िल्म में श्रद्धा कपूर सबसे खूबसूरत सिर्फ एक गाने में दिखी है जिसको रेलवे प्लेटफॉर्म पर फिल्माया गया है बाक़ी तो सामान्य लगी है।टायगर श्राफ के एक्शन के आगे टाइगर ही गायब हो गया है।फ़िल्म में जब से एक्शन शुरू हुआ है सिर्फ एक्शन ही दिखा है,कुल मिलाकर फ़िल्म में कुछ न कुछ कमी लगती रही।कुछ दृश्य में ट्रांजेक्शन का आभाव दिखा।ये सब नतीजा है ,भाई कुछ वैसा ही लाओ का.......????सच ये है कि बॉलिवुड अभी पूर्ण रूपेण दक्षिण भारतीय फ़िल्म के रीमेक पर निर्भर है और निर्भरता अच्छी बात नहीं होती है ये सभी जानते हैं।
इस फ़िल्म में श्रद्धा कपूर सबसे खूबसूरत सिर्फ एक गाने में दिखी है जिसको रेलवे प्लेटफॉर्म पर फिल्माया गया है बाक़ी तो सामान्य लगी है।टायगर श्राफ के एक्शन के आगे टाइगर ही गायब हो गया है।फ़िल्म में जब से एक्शन शुरू हुआ है सिर्फ एक्शन ही दिखा है,कुल मिलाकर फ़िल्म में कुछ न कुछ कमी लगती रही।कुछ दृश्य में ट्रांजेक्शन का आभाव दिखा।ये सब नतीजा है ,भाई कुछ वैसा ही लाओ का.......????सच ये है कि बॉलिवुड अभी पूर्ण रूपेण दक्षिण भारतीय फ़िल्म के रीमेक पर निर्भर है और निर्भरता अच्छी बात नहीं होती है ये सभी जानते हैं।

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