नयी दिल्ली 04 मई, कांग्रेस ने अगस्ता वेस्टलैंड रिश्वत मामले में भारतीय जनता पार्टी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित पार्टी के किसी भी नेता का इस घोटाले में हाथ नहीं है बल्कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने तथा उसकी उडान ऊंचाई के मानदंड बदलने के सैद्धांतिक निर्णय वाजपेयी सरकार ने लिये थे और संयुक्त प्रगितशील गठबंधन सरकार ने सौदे में गडबडी का पता चलते ही इसकी जांच कराने का निर्णय लिया तथा इस कंपनी को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने आज राज्यसभा में अगस्ता वेस्टलैंड मामले पर अल्पकालिक चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के भूपेन्द्र यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 1586 करोड रूपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन कांग्रेस नीत सरकार ने गडबडी का पता चलते ही 2062 करोड रूपये की वसूली की और तीन हेलिकॉप्टरों को भी जब्त कर लिया जिनकी कीमत करीब नौ सौ करोड रूपये है।
इटली के न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कहीं भी किसी भारतीय नेता का नाम नहीं लिया गया है। फैसले में श्रीमती गांधी, मनमोहन सिंह , प्रणव मुखर्जी , अहमद पटेल और कुछ अन्य नेताओं के नाम लिये गये हैं लेकिन यह कहा गया है कि ये नेता पुराने हेलिकाप्टर में सफर नहीं करेंगे और ये नये हेलिकॉप्टर की खरीद पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे कहीं यह सिद्ध नहीं होता कि किसी को इन नेताओं को रिश्वत देने के लिए कहा गया था। इससे पहले श्री यादव ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कैग की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि संयुक्त प्रगितशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में एक ही विक्रेता से हेलिकाॅप्टर खरीदने , हेलिकॉप्टर की उडान उंचाई निर्धारित 6000 मीटर से कम कर 4500 मीटर करने और विदेशों में इनके परीक्षण का निर्णय किसी दबाव के तहत लिया गया था। उन्होंने कहा कि इटली न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि दोनों देशों के नेताओं ने इस सौदे में रिश्वत ली है। उन्होंने मांग की कि इन नामों का खुलासा होना चाहिए तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

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