नयी दिल्ली 04 मई, भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं मनोनीत सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदे में रिश्वत एवं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान इटली के न्यायालय के फैसले में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के नाम का उल्लेख किया तो कांग्रेसी सदस्यों ने जबरदस्त हंगामा खडा कर दिया और उनसे अपने बयान के सबूत में दस्तावेज पेश करने की मांग की। इस पर कांग्रेस और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच काफी नोंकझोंक भी हुयी और यह विवाद इतना बढ गया कि उप सभापति पी जे कुरियन को हस्तक्षेप करना पडा और उन्होंने श्री स्वामी को अपने बयान के संबंध में हस्ताक्षरित प्रति सदन के पटल पर रखने का निर्देश दिया।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडु ने कहा कि श्री स्वामी जिस दस्तावेज के आधार पर बयान दे रहे हैं कांग्रेस सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी पहले ही उसी दस्तावेज का हवाला देते हुये बयान दे चुके हैं। इसलिए श्री सिंघवी को भी कागजात की हस्ताक्षरित प्रति पटल पर रखने का निर्देश दिया जाना चाहिए। इस पर श्री कुरियन ने श्री सिंघवी को भी अपने बयान के समर्थन में कागजात पटल पर रखने के लिए कहा। श्री स्वामी ने कहा कि इटली के न्यायालय ने आदेश में कहा है कि इस सौदे में वायुसेना अधिकारियों, नौकरशाहों और राजनेताओं को रिश्वत दी गयी है। इस सौदे के मध्यस्थ से इटली के न्यायालय में दो लोगों की तस्वीर दिखा कर पूछा गया और तब संक्षिप्त नाम ए पी तय किया गया। ए पी कौन है सब जानते हैं और यह किसे के निजी सचिव है यह भी जानते हैं। श्री स्वामी के इस बयान पर कांग्रेस सदस्य अहमद पटेल सहित दूसरे कांग्रेसी सदस्य उत्तेजित हो गये और इसका विरोध करने लगे। करीब दस मिनट तक चली रस्साकसी के बाद श्री कुरियन ने श्री स्वामी को इस संबंध में उल्लेखित दस्तावेजों की हस्ताक्षरित प्रति सभा पटल पर रखने का आदेश दिया ओर कहा कि यदि वह ऐसा करने में असफल रहते हैं तो उनके बयान को कार्यवाही से निकाल दिया जायेगा।

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