जेएनयू के छात्रों पर की गयी कार्रवाई की वापसी तक आंदोलन रखें: कुणाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 3 मई 2016

जेएनयू के छात्रों पर की गयी कार्रवाई की वापसी तक आंदोलन रखें: कुणाल

  • प्रसिद्ध चिकित्सक डाॅ. पीएनपी पाल, प्रो. नवल किशोर चैधरी और माले राज्य सचिव कुणाल ने जूस पिलाकर अनशनकारियों का अनशन तुड़वाया. 

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पटना 3 मई 2016, जेएनयू के छात्र नेताओं पर जेएनयू प्रशासन द्वारा की गयी अनुशासनात्मक कार्रवाई के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन अनशन के समर्थन में आइसा-इनौस द्वारा बिहार के विभिन्न राज्य केंद्रों पर चल रहा दो दिवसीय अनशन आज समाप्त हो गया.पटना विश्वविद्यालय गेट पर इस दो दिवसीय अनशन को माले के राज्य सचिव कुणाल, पटना के जाने माने चिकित्सक डाॅ. पीएनपी पाल और प्रो. नवल किशोर चैधरी ने अनशनकारियों को जूस पिलाकर समाप्त करवाया. अनशन पर आइसा के संतोष आर्या, कुमार अमित, रिंचू कुमार तथा इनौस के मनीष कुमार सिंह व अजय कुमार बैठे हुए थे. पटना के अलावा आरा, सिवान, दरभंगा, समस्तीपुर आदि जगहों पर दो दिवसीय अनशन का कार्यक्रम लागू किया गया.

माले राज्य सचिव कुणाल ने अनशनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जेएनयू के छात्रों पर की गयी कार्रवाई पूरी तरह से गलत है और इसका जोरदार विरोध होना चाहिए. सभी छात्रों पर की गयी कार्रवाई वापस लेनी चाहिए. मोदी सरकार जेएनयू प्रशासन की आड़ में खासकर दलित समुदाय से आने वाले छात्र-छात्राओं केा प्रताडि़त कर रहा है. रोहित वेमुला के बाद अब वह इसी बिहार के भेाजपुर जिले के महादलित परिवार से आने वाली आइसा नेत्री चिंटू कुमारी को अपना निशाना बना रहा है. इसके खिलाफ आने वाले दिनों में छात्र-युवाओं के उभार को संगठित करने का दूसरा दौर चलाना चाहिए. आइसा और इनौस को काॅलेज, हाॅस्टल, ग्रामीण स्कूल, ग्रामीण युवाओं खासकर दलित युवाओं के बीच सघन अभियान चलाते हुए संघी हमले के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा

डाॅ. पीएनपी पाल ने कहा कि भाजपा व संघ परिवार के हमले को आज पूरा देश झेल रहा है. यह सरकार देश की मूल समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के फर्जी कांड रचते रहती है. अभी ‘देशभक्ति’ के नाम पर छात्रों को निशाना बना रही है. इस सरकार में महंगाई और बढ़ गयी है, रोजगार के अवसर और घट गये हैं, इन सवालों पर छात्र-नौजवान जब सवाल कर रहे होते हैं, तो उन्हें देशद्रोही कहकर प्रताडि़त किया जा रहा है. जबकि असली देशद्रोही ये भाजपा वाले लोग ही हैं. इन्हें आइसा-इनौस के नेतृत्व में चल रहे छात्र-युवा आंदोलन से ही पीछे धकेला जा सकता है. पूरे देश में जो अभी छात्र-युवा उभार आया है, उसे नई संस्कृति दिखलानी होगी.
प्रो. नवल किशोर चैधरी ने कहा कि छात्र राजनीति की खासियत रही है कि उसने सत्ता की ताकतों को पीछे धकेला है. आज इस देश को खतरा केवल मोदी सरकार से नहीं है, बल्कि बिहार में नीतीश कुमार के शासन में भी कैंपसों में किसी तरह की आजादी नहीं है. अतः भाजपा को केंद्र में रखते हुए हमें इन स्थानीय सवालों को भी मजबूती से उठाना होगा और इसकी पूरी कोशिश करनी होगी कि जो छात्र-युवा उभार उपजा है, वह अपनी दिशा न खो दे.

इनौस राज्य सचिव नवीन कुमार ने कहा कि छात्र-युवा उभार ने मोदी सरकार के असली चरित्र को बेनकाब किया है. इस उभार को व्यापक पैमाने पर ग्रामीण गरीबों, खासकर दलित छात्र-युवाओं तक विस्तार देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसी बुनियाद पर खड़े होकर सच्चे जनवादी, धर्मनिरपेक्ष और आंदोलनकारी ताकतों की एकता के बल पर सांप्रदायिक ताकतों को मुकम्मल तौर पर हराया जा सकता है. वहीं आइसा नेता आकाश कश्यप ने कहा कि मोदी सरकार का मुख्य निशाना दलित व अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले छात्र हैं. पहले इन्होंने रोहित वेमुला की हत्या करवाई, अब जेएनयू पर तुल पड़े हैं. समापन के अवसर पर कोरस की समता राय व दीना ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये. इस मौके पर रामजी यादव, विक्रांत, रवि सहित कई लड़के उपस्थित थे. 

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