बेगूसराय (बिहार) की खबर (29 जून) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 29 जून 2016

बेगूसराय (बिहार) की खबर (29 जून)

अपराध के काले साये में भू माफियामों का धुंध चेहरा।

begusarai news
प्रद्योत कुमार,बेगूसराय।ज़िला में भू माफियाओं का बढ़ता वर्चस्व अपराध के साये में आपराधी  को पनाह दे रहा है।अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो अंजाम बे ख़बर राहों पर चल पड़ेगा और जिससे उतपन्न होगा गैंगवार।वक़्त से पहले गर पुलिस प्रशासन को इस आने वाले गैंगवार की आहट सुनाई नहीं दी तो मुश्किलें बढ़ती ही जायेगी।एक तो बेगूसराय ज़िला में ख़ास कर 7-12 किलोमीटर के रेडियस में शायद ही कोई घर छूट हो जहाँ,जिसमें "लैंड लाइज़नर" ना हो।बेशुमार कमाई इसके आकर्षण का मुख्य कारण है।इसका काम मुख्य रूप से तीन तरह से होता है,एक तो कमीशन,दूसरा कुछ पैसा देककर महदा, तीसरा सस्ते रेट में ज़मीन ख़रीद कर साल पांच साल महंगे दर में बेचना,ज़मीन किसी की ,पैसा किसी का,बेचनेवाला कोई और।इस परिपाटी पर चलता है ये धंधा,5 का 25 होता है,इसलिए इस पेशा में भू माफियाओं ने जोरदार दस्तक दिया है।पूर्व आरक्षी अधीक्षक श्री मनोज कुमार ने अपराध की समीक्षा करते हुए कहा था कि ज़िला में सबसे ज़्यादा अपराध का आधार ज़मीनी विवाद है उनकी बात सही थी क्योंकि आज से कुछ सालों पहले पूर्व जेल अधीक्षक बेगूसराय,ई० जितेन्द्र कुमार ने एक साक्षात्कार में कहा था कि जेल में लगभग 85 प्रतिशत अपराधी ऐसे है जो ज़मीनी विवाद से जुड़े हुए हैं।ये एक बड़ा सवाल है क्योंकि इसका कोई निदान भी नहीं है।इस विवाद को निपटाने के लिए सरकार के पास जो तंत्र हैं वो हैं,कर्मचारी,सी आई,सी ओ,डी सी एल आर,एस डी ओ,डी एम और न्यायालय फिर भी विवाद है,आख़िर कुछ वजह तो होगी साहेब????ये सहज ही सोचने का विषय है।तब आती है पुलिस जब विवाद ने घटना को अंजाम दे दिया।इतने सरकारी विभाग मिलकर एक विवाद को नहीं सुलझा पाती है तो क्या करेगी पुलिस गिरफ्तार और जेल जो वर्षों से होता आ रहा है और आगे वर्षों तक होता रहेगा,खैर।एक बात तो तय है कि सरकार को अतिशीघ्र एक काम तो करना ही चाहिये कि जितने भी ज़मीन के दलाल है वो बगैर रजिस्ट्रेशन का दलाली नहीं कर सकते हैं और प्रत्येक ज़मीन खरीद बिक्री का ब्यौरा सम्बंधित विभाग को दें।ये दलाली एक ऐसा पेशा हैं जिसमें आयकर और बिक्रीकर से साफ़ मुक्ति है क्योंकि दलाली के आय का कोई सबूत ही नहीं है,इसी वजह से इसमें बड़े बड़े लोग माफिया गिरी में लगे पड़े हैं।एक हैरत की बात तो ये है कि किसी भी ज़मीन का यहां दो रेट है एक सरकारी रेट,दूसरा प्राइवेट रेट,सरकार को सिर्फ सरकारी रेट के राजस्व से मतलब है बाक़ी 5 का 15 लीजिए या 25 का 10 लीजिये सरकार भाव शून्य है बहरी है।ऐसे सिस्टम में क्यों न अपराध बढे,क्यों न रोज़ पुलिस को एक प्राथमिकी दर्ज़ करना पड़े,क्यों न गुहागर को पकड़ने के लिए रात की नींद ख़राब करना पड़े......अनेकों सवाल उठ खड़े होते हैं जनाब।लेकिन समस्या वहीं के वहीं रह जाती है।ये है अपनी सरकार और उसका ये सिस्टम,जहाँ ना होता नहीं है और हाँ कहते नहीं इसी द्वन्द के बीच में पिसती है आम लोगों की ज़िन्दगी।

सौभाग्य कुण्ड से जुडी है भक्तों की आस्था

kamakhyaa temple
बेगूसराय आर्यावर्त संवादाता अरुण कुमार की आसाम से रिपोर्टिंगटिंग। आज 26 जुन 16 रविवार प्रातः 6:30 में माँ कामाख्या का पट खुला,भक्तों की अपार भीड़ के कारण वाहन आदि का आवागमन 2/3 घंटों के लिए अवरुद्ध हो गया,जिसके कारण नीचे से ऊपर आने वाले भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।परेशानी उस वक़्त और भी बढ़ गयी जब असम के मुख्यमंत्री माननीय सर्बानंद सोनवाल माँ कामाख्या के दर्शन के लिये आए।अन्य वर्षो की तरह इस बार भी माँ कामाख्या के दर्शन हेतु पट खुलने के बाद संध्या तक तकरीबन पन्द्रह लाख के आसपास भीड़ थी जिसमेँ लगभग दस से बारह लाख भक्तों ने माता का दर्शन किए।मुख्यमंत्री महोदय के जाने के बाद देर रात्रि तक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।लगभग पांच लाख महिला एवं पुरुष भक्तों ने सौभाग्य कुण्ड में डुबकी लगाए। सौभाग्य कुण्ड में स्नान का बहुत ही बड़ी महिमा का वर्णन है,कहा जाता है की इस कुण्ड में स्नान करने से सौभाग्यवतियों का सुहाग बढ़ता है और पुरुष को आरोग्यता प्राप्त होती है।इतना ही नहीं साधकों को भी स्नान लाभ सिद्धि के रूप में मिलता है।असम सरकार ने इस मेले में यात्रियों के आने-जाने के लिए नीचे से ऊपर या ऊपर से  नीचे के लिए बस सेवा फ्री कर दिया गया था,ये श्रद्धालुओ के लिए ख़ुशी की बात हुई,एक परेशानी भी बात हुई जो पुलिस व्यवस्था काफी प्रतिकूल रही कारण सभी दर्शनार्थिओं को दर्शन के लिए काफी घूमकर आनाजाना पड़ता था।इतना ही नहीं बाहर गावँ से आए हुए फेरी वालों को फुटफाथ पर कहीं धन्धा लगाने नहीं दिया जाता था,बाद में जाकर 24 जुन से धंधा लगाने में थोड़ी ढ़ील दी गयी तो उन लोगों में थोड़ी ख़ुशी आँखों में दिखाई पड़ी।माँ कामाख्या के दर्शन के बाद सभी यात्री और साधक भुवनेश्वरी से लेकर मातंगी तक दसों महाविद्या के दर्शन करते हुए निचे पहाड़ के खोह में स्थित कोटिलिंग महादेव के दर्शन किए।ये माँ कामाख्या कामना पूर्ण करनेबाली माँ भवानी हैं। यहाँ जिसने भी आकर इनके चौखट पर माथा टेका माता ने उसकी झोली खुशियों से भर  देती हैं,ऐसी ही हैं माँ कामाख्या।

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