- सपा और कांग्रेस भेज रहे हैं जांच दल
लखनऊ/कैराना, 17 जून, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छोटे से जिले शामली के कैराना कस्बे ने इन दिनों सूबे की राजनीति में उफान ला दिया है। कैराना में अपराधिक तत्वों के कारण पलायन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद द्वारा छेडी गयी बहस पर ऐसा सियासी रंग चढ गया है कि कांग्रेस,बसपा,सपा और भाजपा समेत प्रदेश की सियासत में अहम भूमिका निभाने वाले सभी दल इस मामले में बढ चढ कर एक दूसरे पर लांछन लगाने से नही चूक रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज राज्यपाल राम नाईक से पलायन मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है वहीं भाजपा की काट के तौर पर समाजवादी पार्टी(सपा) ने 19 जून को पांच सदस्यीय सन्तों की टीम कैराना भेजने का निर्णय किया है।
उधर, कांग्रेस ने भी मामले की हकीकत परखने के लिये अपने तीन विधायकों के दल को कैराना भेजने का फैसला किया है। शामली के विधायक पंकज मलिक की अध्यक्षता में कांग्रेस की टीम 19 जून को ही कैराना पहुंच रही है। इससे पहले 15 जून को भाजपा का नौ सदस्यीय जांच दल कैराना जा चुका है जबकि 16 जून को जनता दल (यू) और वामपंथियों की टीम कैराना गयी थी। इस बीच, भाजपा विधायक संगीत सोम की ‘ निर्भय यात्रा ’और सपा के अतुल प्रधान की ‘ सद्भावना यात्रा ’ को मेरठ के जिला प्रशासन ने निकलने ही नहीं दिया। दोनों मेरठ के सरधना से कैराना के लिए यात्राएं निकाल रहे थे। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मेरठ के सरधना से समाजवादी पार्टी(सपा) और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के ’’कैराना कूच’’ को दोनों की मिलीभगत बताते हुए आरोप लगाया कि साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाडने की यह एक कोशिश है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें