नयी दिल्ली, 17 जून, भारत और थाईलैण्ड ने अपने समुद्री एवं रक्षा सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर आज सहमति जताते हुए भारत -म्यांमार-थाईलैण्ड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना एवं मोटर वाहन करार तथा समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते को जल्द से जल्द करने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और थाईलैण्ड के प्रधानमंत्री जनरल प्रयुत चान-ओ-चा के बीच आज यहां हैदराबाद हाउस में दो घंटे तक चली द्विपक्षीय शिखर बैठक के बाद दोनों नेताओं ने ये एलान किया। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान तथा नालंदा विश्वविद्यालय एवं चियांग मई विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक सहयोग पर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। श्री मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में थाई नागरिकों के लिये दो बार प्रवेश के लिये ई-वीजा जारी करने की भी घोषणा की जिससे बौद्ध पर्यटन के लिये आने वाले थाई नागरिकों को नेपाल के बौद्ध स्थल जाने में परेशानी ना हो। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा“ राम के शौर्य से लेकर बुद्ध के ज्ञान तक हमारे रिश्तों की एक साझा सांस्कृतिक विरासत है।” रक्षा साझेदारी को प्रगाढ़ बनाने के लिये दोनों पक्षों ने विशेषज्ञता एवं अनुभवों, रक्षाकर्मियों के आदान प्रदान, समुद्री जलदस्यु निरोधक उपायों में सहयोग, संयुक्त नौसैनिक गश्त तथा रक्षा अनुसंधान, विकास एवं उत्पादन के क्षेत्रों में सहयाेग बढ़ाने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों देश वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी एवं मानव संसाधन के सुचारु प्रवाह के लिये हवाई सड़क, रेल एवं समुद्री परिवहन के मजबूत नेटवर्क के महत्व को जानते हैं। इसके लिये हमने भारत म्यांमार थाईलैण्ड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना तथा तीनों देशों के बीच मोटर वाहन समझौते पर को प्राथमिकता से पूरा करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी, भारत के विकास तथा पूर्वोत्तर राज्यों से दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में संपर्क को आसान बनाने के लिये एक बड़ी प्राथमिकता है जिससे दोनों पक्षों को फायदा होगा। इससे ना केवल कारोबार बढ़ेगा बल्कि लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा और विज्ञान, शिक्षा, संस्कृति एवं पर्यटन के क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा।
श्री मोदी ने कहा कि अगले साल दोनों देश अपने कूटनीतिक संबंधों के सत्तर साल पूरा कर रहे हैं। इसलिये दोनों देशों में एक दूसरे की संस्कृति के उत्सवों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने डॉ. बी आर अंबेडकर की 125वीं जयंति पर भारतीय संविधान के थाई भाषा में अनुवाद की भी सराहना की।

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