इलाहाबाद, 12 जून, उत्तर प्रदेश में गंगा यमुना एवं अदृश्य सरस्वती की संगम नगरी इलाहाबाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज महारथियों का समागन आज से शुरु हो रहा है जिसमें पार्टी केन्द्र की माेदी सरकार के अगले तीन साल की यात्रा की रूपरेखा तय करने के साथ देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता में वनवास को समाप्त करने की रणनीति बुनेंगे। आज़ादी के पहले कांग्रेस के गढ़ रहे इस नगर में भाजपा की कार्यकारिणी का आयोजन भाजपा की कांग्रेस मुक्त भारत की परिकल्पना के संदर्भ में एक राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष श्री शाह एवं संगठन महासचिव रामलाल की अगुवाई में शहर के सिविल लाइन्स में एक होटल में आज सुबह भाजपा कार्यकारिणी में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक शुरु हुई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने श्री शाह एवं श्री रामलाल का स्वागत किया। इस बैठक में कार्यकारिणी के बैठक के एजेंडे पर मुहर लगायी जायेगी।
बैठक में पारित होने वाले राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक आदि प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की जायेगी। हाल में संपन्न असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु एवं पुड्डुचेरी के चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन की समीक्षा के साथ अगले साल के आरंभ में होने वाले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा आदि के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी विचार करेगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी सरकार की दो साल की उपलब्धियों का जिक्र होना स्वाभाविक है। बैठक में प्रधानमंत्री के विदेश दौरों का खासतौर पर जिक्र करते हुए दुनिया में भारत की बढ़ रही साख का भी हवाला दिया जा सकता है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के बाद शाम को करीब पांच बजे शुरु होगी जिसमें आज भाजपा अध्यक्ष श्री शाह का मुख्य संबोधन होगा। समापन अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी कल इलाहाबाद में परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे। श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में पहली बार भाजपा कार्यकारिणी की बैठक होने की वजह से 2017 में राज्य विधानसभा के चुनाव पर मुख्य फोकस हो सकता है। पार्टी उत्तर प्रदेश में 14 वर्षों का वनवास झेलने के बाद सत्ता में पुन: वापसी के हर संभव प्रयास में जुटी है। सन् 2002 में राजनाथ सिंह सूबे के मुख्यमंत्री थे। उनके बाद भाजपा फिलहाल यहां सत्ता में नहीं आयी।

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