खुदकुशी के लिए परिस्थिति पैदा करने के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीष कुमार का पुतला दहन, पिछले 40 दिनों से जारी आंदोलन को कुचलने के लिए प्रषासन के व्यक्तियों का हो रहा गलत हस्तेमाल, प्राचार्य चंद्रभूषण श्रीवास्तव को बर्खास्त करने, गिरफ्तार छात्रों पर से फर्जी मुकदमा वापस लेते अविलंब रिहा करने की मांग।
पटना, 13 जून। आर्ट काॅलेज बचाओं संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं ने काॅलेज बंदी कर शांतिपूर्वक प्रदर्षन के क्रम में पुलिस द्वारा काॅलेज को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। छात्र शांतिपूर्वक आंदोलन के साथ काॅलेज के प्राचार्य को बर्खास्त करने, गिरफ्तार छात्रों को अविलंब रिहा करने, छात्रों पर से लगातार दर्ज किये जा रहे फर्जी मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे थे। दलित छात्र नीतीष प्राचार्य द्वारा जातिसूचक शब्द के इस्तेमाल एवं प्राचार्य पर दायर किये गए मुकदमें पर कोई कार्रवाई न होने तथा आंदोलन को कुचलने के लिए राज्य सरकार, वि.वि. प्रषासन द्वारा अनुचित साधन के इस्तेमाल के खिलाफ काॅलेज के ही अन्दर स्थिति छात्रावास के कमरा नं॰ 03 में पंखा से लटक कर खुदकुषी की कोषिष की। छात्रों ने इस घटना के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीष कुमार का पुतला दहन किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि काॅलेज के प्राचार्य दलित छात्रों को जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करते है तथा छात्राओं से छेड़छाड़ का भी आरोप उनपर है। खुदकुषी करने वाले छात्र नीतीष कुमार ने प्राचार्य पर एस.सी.-एस.टी. थाने में मुकदमा दायर किया था लेकिन प्राचार्य अपनी ऊंची रसुख का इस्तेमाल कर बचे हुए छात्रों ने आंदोलन के क्रम में लगातार राज्य सरकार, राजभवन एवं वि.वि. प्रषासन के पास गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवायी नहीं हुई। इसके बदले में लगातार वि.वि. पदाधिकारी छात्रों के आंदोलन को कुचलने के लिए फर्जी मुकदमों की बौछार की जा रही है।
दलित छात्र नीतीष कुमार को काॅलेज के छात्रों ने दरवाजा तोड़कर बचा लिए और पुलिस मुकदर्षक बनी रही। छात्रों से वात्र्ता के लिए वि.वि. के प्राॅक्टर जी.के. पिल्लई आर्ट काॅलेज आए लेकिन बिना वात्र्ता किये पुनः परीक्षा की तिथि घोषित कर वापस चले गए। छात्रों ने इस घटना के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीष कुमार का पुतला दहन कर सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान किया। आर्ट काॅलेज बचाओ संघर्ष मोर्चों में शामिल ए.आई.एस.एफ., आइसा, दिषा छात्र संगठन ए.आई.डी.एस.ओ. एवं जन अधिकार छात्र ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार अविलंब हस्तक्षेप कर दोषियों पर कार्रवाई करे। सामाजिक न्याय के नाम पर सत्ता में आयी सरकार के शासन में एक प्रताड़ित दलित छात्र खुदकुषी करने पर मजबूर है। विदित हो कि जे.एन.यू.एस.यू. अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने बिहार प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री नीतीष कुमार से मुलाकात के क्रम में मेमोरेंडम के माध्यम से इस घटना से अवगत कराया था लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आंदोलन में ए.आई.एस.एफ. के राज्य सह सचिव पीयूष कुमार, आकाष, आइसा के सुधीर, जनअधिकार छात्र परिषद से गौतम आंनद, दिषा छात्र संगठन के विवेक कुमार सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल थे।

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