नयी दिल्ली 27 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार की कोशिशों से कालेधन का मुद्दा वैश्विक स्तर पर उठा है और अब दुनिया भर के देश इसे लेकर एक दूसरे को सूचनायें देने पर सहमत हो रहे हैं। श्री मोदी ने निजी टेलीविजन चैनल ‘टाइम्स नाउ’ को दिये साक्षात्कार में कालेधन को स्वदेश लाकर हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये हस्तांतरित करने के अपने चुनावी वायदे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक दलों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम लोगों के मन में यह घर कर गयी थी कि लोग पैसे विदेशों में जमा करते हैं। इस पर संसद भी कुछ नहीं कर पा रही थी और उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद विशेष जाँच दल का गठन नहीं हो रहा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कार्यभार संभालते ही सबसे पहले इस जाँच दल का गठन किया। इसके अलावा उन्होंने पहली बार जी 20 के वैश्विक मंच पर कालेधन का मुद्दा उठाया और इसके बाद इस बारे में वैश्विक स्तर पर विचार होने लगा। उन्होंने कहा कि कालेधन का सबसे बडा स्राेत माॅरीशस रूट को माना जाता है और उनकी सरकार ने इस पर भी काबू पाने के उपाय किये हैं। इसी के तहत माॅरीशस के साथ हुयी संधि संशोधित की गयी है और अब चरणबद्ध तरीके से नयी संधि लागू की जा रही है। इसके बाद इस रूट से कालेधन का सृजन असंभव हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले और आर्थिक अपराध करने वालों को छोड़ा नहीं जायेगा। देश की जनता को पूरा भरोसा है कि यह काम सिर्फ और सिर्फ मोदी ही कर सकते हैं और जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने तथा आर्थिक अपराधियों को कानून की ताकत दिखाई जाएगी।

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