मधेपुरा, 11 जून। कल तक वह अपनी बेटी की मां थी और दमाद की सास, लेकिन आज वह अपने बेटी की सौतन और दमाद की घरवाली बन गई है। आप सोच रहें होगें की यहां किसी फिल्मी ड्रामे की बात हो रही है। हम आपको बतादे की यह किसी चैनल पर चलने वाली सीरियल की कहानी नहीं बल्कि वास्तविक जीवन में होने वाली एक घटना बयान कर रहे हैं। इसे घोर कलयुग ही कहेंगे की जिस सांस ने कभी अपनी बेटी का विवाह उस दमाद के साथ करवाया था उसी की वह आज पत्नी बन बैठी है। बताया जा रहा है कि पूर्णिया में एक अजीबोगरीब रिश्ते की बुनियाद पड़ी है। लाल जोड़े में कोर्ट पहुंची सास ने अपने दामाद के साथ शादी रचा ली। कोर्ट परिसर में उन्हें देखने को भीड़ जमा थी। लोग हतप्रभ थे, लेकिन इस जोड़े को उनकी परवाह नहीं थी।
ढाई साल पहले ही आशा देवी ने सूरज महतो के साथ बेटी ललिता की शादी की थी। सूरज ललिता को मधेपुरा के पुरैनी गांव स्थित अपने घर ले गया। साल भर बाद सूरज और ललिता को बेटा हुआ। फिर सूरज बीमार पड़ गया। तभी उसके जीवन में सास की इंट्री हुई। सास आई तो थी बीमार का हाल जानने पर प्यार कर बैठी। वह अपने घर लौटी लेकिन दामाद और उसके बीच पनपा प्रेम परवान चढ़ता गया। दोनों घंटों एक दूसरे से फोन पर बात करते। सूरज का ससुर दिल्ली में किसी फैक्ट्री में काम करता था, इस कारण वह अक्सर आशा से मिलने भी चला जाता था। एक दिन ऐसा आया जब सूरज पत्नी को घर पर छोड़ ससुराल जा बसा। पति को वापस लाने के लिए ललिता ने सारे जतन किए पर वह हार गई। पिता से कहा तो वे दिल्ली से दौड़े आए। समझाया पर बात नहीं बनी। एक जून की रात में सास और दामाद ने मधेपुरा के किसी मंदिर में जाकर शादी रचा ली। इसके बाद दोनों धमदाहा थाना क्षेत्र के तरौनी गांव में अपने रिश्तेदार के यहां आ गए। यहां भी लोगों ने खूब समझाया पर बेअसर रहा। बुधवार को दोनों धमदाहा कोर्ट पहुंचे। वकील से शपथ पत्र तैयार कराया और विवाह बंधन में बंध गए। दुल्हन बनी सास ने अपनी बेटी यानी सौतन को भी साथ रखने की इच्छा जताई है। उसका दामाद यानी पति ने इस इच्छा में अपनी सहमति दी है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें