मोतिहारी 26 जून, बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा थाना क्षेत्र के जुमाई टोला गांव में कथित दुष्कर्म की शिकार युवती के दुबारा कराये गये मेडिकल जांच में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो सकी है। मोतिहारी के सिविल सर्जन डा. प्रशांत कुमार ने आज यहां बताया कि अब तक दो बार चिकित्सकों का दल पीडि़ता की मेडिकल जांच कर चुका है लेकिन किसी में भी तत्कालिक सेक्सुअल कन्टेक्ट का प्रमाण नहीं पाया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि पीड़िता के पैरों के उपरी भाग में चोट एवं खरोच के निशान पाये गये है । डा. कुमार ने बताया कि पिछले 15 जून को रामगढ़वा अस्पताल में पीडि़ता का इलाज किया गया जिसमें केवल मारपीट के उपचार किए गए। उस समय पीड़िता द्वारा दुष्कर्म की शिकायत नहीं की गयी थी । उन्होंने बताया कि पीडि़ता 18 जून को फिर सदर अस्पताल में भर्ती हुई जहां उसकी शिकायत पर चोट एवं शारीरिक दर्द के इलाज किया गया ।
सिविल सर्जन ने कहा कि जब 22 जून को पीडि़ता द्वारा दुष्कर्म होने की बात कही गयी तब एक महिला चिकित्सक ने उसकी जांच की । जांच करने वाली चिकित्सका ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि उसने 22 जून को शाम को पीड़िता की गहन जांच की लेकिन दुष्कर्म का कोई प्रमाण नहीं मिला । डा. कुमार ने बताया कि 25 जून को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने पीड़िता से मिलने के बाद इसे सामूहिक बलात्कार का मामला माना। इसके बाद वह दोबारा वरिष्ठ चिकित्सक डा0 शकुन्तला सिन्हा के नेतृत्व में चार महिला चिकित्सकों की टीम गठित की गयी जिसने पीडि़ता की दुबारा जांच की। डा0 सिन्हा के जांच प्रतिवेदन में भी दुष्कर्म का मामला नहीं पाया गया है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को सीलबन्द लिफाफा में रिपोर्ट सौंप दी गयी है ।
पूर्वी चंपारण में थानाध्यक्ष समेत दो पुलिसकर्मी निलंबित
पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन ने पिछले दिनों एक युवती के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में आज थानाध्यक्ष और एक सहायक अवर निरीक्षक को निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक जीतेन्द्र राणा ने यहां इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जिले के रामगढ़वा थानाध्यक्ष सुबोध कुमार और सहायक अवर निरीक्षक अजय सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों पर कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप है । उल्लेखनीय है कि 13 जून को पश्चिम चंपारण जिले के संबंधित थाना क्षेत्र में एक युवती के साथ कथित रुप से दुष्कर्म के प्रयास का मामला उजागर हुआ था । इस मामले को लेकर संबंधित थाना में पांच लोगों के खिलाफ दो दिन बाद प्राथमिकी दर्ज हुयी थी । मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू मोतिहारी गयी थी ।

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