पटना 18 जून, बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने आज दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ..संघमुक्त भारत और शराब मुक्त समाज.. का आह्वान अब देश में रंग लाने लगा है । जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यहां कहा कि देश में भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: विरोधी धाराओं की श्री नीतीश कुमार की ओर बढ़ती गोलबंदी और शराबबंदी के पक्ष में देशभर से उन्हें मिल रहे आमंत्रण ,उनके प्रति आकर्षण के सबूत है । उन्होंने कहा कि अब सबको लगने लगा है कि भाजपा को धूल चटाने के लिए बिहार मॉडल ही कारगर हो सकता है । श्री प्रसाद ने कहा कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार की दो साल की विफलता ,वादाखिलाफी, कॉरपोरेट पक्षधरता, अलगाववाद को प्रोत्साहन और जन विरोधी रवैये के कारण एक और जहां देशभर में व्यापक जनविरोध पनप रहा है वहीं दूसरी ओर गैर भाजपाई धाराओं का श्री नीतीश कुमार के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि श्री कुमार के प्रति यह आकर्षण आधारहीन नहीं है ।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिगड़े हुए बिहार को दस साल में पटरी पर लाना , 2015 के बिहार चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन करके भाजपा को धूल चटाना, सात निश्चय के वादे पर तेजी से अमल और महिलाओं की व्यापक मांग पर समाज परिवर्तनकारी पूर्ण शराबबंदी जैसे श्री कुमार के कदम उन्हें
देश की गैर भाजपाई राजनीतिक धारा का सिरमौर बनाते है । श्री प्रसाद ने कहा कि पटना में समाजवादियों का सम्मेलन ,दिल्ली में समाजवादी नेताओं से मुलाकात , दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय :जेएनयू: के शिक्षकों से चर्चा और शराबबंदी पर कई राज्यों में कार्यक्रम जैसे सारे घटनाक्रम बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के कार्य, विचार और आह्वान की राष्ट्रव्यापी स्वीकार्यता के सबूत है । उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार जिस प्रकार देश को अपने कॉरपोरेट मित्रों के हाथों बेच देने और सदियों की गंगा -जमुना संस्कृति को तहस-नहस करने पर आमाद है उससे देश को बचाने के लिए सभी गैर भाजपा दलों और विचारधाराओं को मिलकर काम करने की जरूरत है । जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इसी एकजुटता का आह्वान किया है । उन्होंने कहा कि सम विचारी गैर भाजपाई धाराओं की बढ़ रही गोलबंदी से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) परिवार में बेचैनी है लेकिन यही समय की मांग और यही देश की जरूरत भी है ।
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