दोहा 05 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय कतर दौरे के दौरान वभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए आज सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। दोनों देशों के बीच निवेश के अलावा स्वास्थ्य में सहयोग, पर्यटन, कौशल विकास, सीमा शुल्क, सहयोग तथा युवा और खेल मामलों में परस्पर सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। श्री मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से यहां अमीरी दीवान में मुलाकात की। श्री मोदी ने कतर के अमीरी को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कतर के संस्थापक के मकबरे पर श्रद्धांजलि दी। श्री मोदी ने इससे पहले कतर में कारोबारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान श्री मोदी ने कतर के कारोबारियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत प्रचुर संभावनाओं वाला देश है तथा सरकार निवेश के रास्ते की समस्त बाधाओं को दूर करने का वायदा करती है। उन्होंने कतर के कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा“भारत में निवेश के कई अवसर हैं। इस अवसर का आप लाभ उठाएं ।इसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से आप लोगों को आमंत्रित करने यहां आया हूं। आप लोग भारत की क्षमताओं को समझते हैं। निवेश के रास्ते में जो भी अड़चनें आपको दिखाई दे रही हैं उन्हें दूर करने का हम वायदा करते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर भारत के युवा श्रम बल का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की 80 करोड़ आबादी युवाओं की है। ये युवा देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। बुनियादी ढ़ांचे का विस्तार और विनिर्माण गतिविधियों को अत्याधुनिक बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकताएं हैं। देश में निर्माण गतिविधियां तेज गति से बढ़ रही हैं। आमलोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए स्मार्ट सिटी, मेट्रो और शहरी क्षेत्र में कचरा प्रबंधन जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। श्री मोदी ने कतर के निवेशकों से भारत में कृषि उत्पाद प्रसंस्करण, रेलवे और साैर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को भी काफी फायदे वाला बताया।
इस अवसर पर भारत और कतर के बीच व्यावसायिक रिश्तों में मजबूती लाने के लिए कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमल अल थानी की सराहना भी की।इससे पहले कतर के व्यापार तथा आर्थिक मामलों के मंत्री अहमद जसीम अल थानी ने भारत के साथ अत्यधिक आर्थिक सहयोग बढाने की वकालत की। पिछले आठ सालों में कतर की यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2008 में दोहा की यात्रा की थी।
प्रधानमंत्री खाड़ी क्षेत्र के देशों के साथ संबंधों को सुधारने में ध्यान दे रहे हैं। समूचा खाड़ी क्षेत्र भारत की उर्जा सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इससे पहले प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात और सउदी अरब की यात्रा भी कर चुके हैं। कतर में छह लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं तथा वर्ष 2014-15 में कतर का भारत के साथ व्यापार डेढ लाख डॉलर को पार कर गया था। कतर भारत को सबसे अधिक एलएनजी आपूर्तिकर्ता के साथ साथ कच्चे तेल का प्रमुख स्रोत है।
कतर के प्रमुख पिछले साल मार्च में भारत की यात्रा पर आये थे। इससे पहले कतर के प्रमुख 1999, 2005 तथा 2012 में भारत की यात्रा पर आये थे।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें