नयी दिल्ली 12 जून, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी अफ्रीकी देशों के साथ संबंध बेहतर बनाने की कवायद के तहत आज तीन देशों –घाना, आइवरी कोस्ट और नामीबिया- की यात्रा पर रवाना हो गये। श्री मुखर्जी के साथ दौरे में शामिल प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि दुनिया भर में भारत की बढ़ती लोकप्रियता के लिहाज से राष्ट्रपति का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। उनके अलावा इस यात्रा में सांसद एस एस अहलुवालिया तथा मनसुख एल मंडाविया भी शामिल हैं। श्री मुखर्जी की यह छह-दिवसीय यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब भारत और अफ्रीकी देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट पैदा हुई है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मोरक्को और ट्यूनीशिया की यात्रा से पिछले दिनों लौटे है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जल्दी ही अफ्रीका की यात्रा करने वाले हैं। राष्ट्रपति की घाना एवं आइवरी कोस्ट की यह पहली यात्रा है। वह पहले नामीबिया की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर नामीबिया भी वह पहली बार जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति की इस यात्रा से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के प्रयास किये जाएंगे, बल्कि दिल्ली में आयोजित तीसरे भारत-अफ्रीका सम्मेलन से रिश्तों को मिली गति को भी बढ़ाने की कोशिश करेंगे। इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति के तौर पर श्री मुखर्जी ने ही किया था, जबकि 2008 में आयोजित सम्मेलन में वह तत्कालीन विदेश मंत्री की हैसियत से हिस्सा ले चुके हैं। श्री मुखर्जी की राष्ट्रपति महामा के साथ अकेले में बैठक होगी और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। भारत और घाना के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के नवीकरण के लिए एक संयुक्त आयोग की स्थापना सहित कई समझौते पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। वह संयुक्त व्यापार फोरम और घाना के विश्वविद्यालय में व्याख्यान भी देंगे। भारतीय उच्चायुक्त द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक स्वागत समारोह में वह भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करेंगे।

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