सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (14 जून) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 14 जून 2016

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (14 जून)

बाल सुरक्षा माह पर विकासखण्ड स्तरीय कार्यशाला संपन्न
  • 21 जून से 21 जुलाई तक संचालित होगा बाल सुरक्षा माह

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सीहोर, 14 जून,2016, जिले में आगामी 21 जून से 21 जुलाई,2016 तक संचालित होने वाले बाल सुरक्षा माह की ब्लॅाक स्तर पर व्यापक तैयारियां की जा रही है। जिसे मद़देनजर रखते हुए गत दिवस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नसरूल्लागंज मंे विकासखण्ड स्तरीय कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला को जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.ए.के.जैन ने संबोधित करते हुए विस्तृत प्रशिक्षण उपस्थित ए.एन.एम.,एम.पी.डब्ल्यू, सुपरवाईजर्स को दिया। इस अवसर पर डाॅ.जैन ने कहा कि सूक्ष्म कार्ययोजना के अनुसार कार्य किया जाना सुनिश्चत करें। कार्यशाला में ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ.मुकीम अहमद, डिप्टी मीडिया आॅफिसर सुश्री उषा अवस्थी, जिला आईईसी सलाहकार शैलेश कुमार, जिला टीकाकरण डाटा प्रबंधक श्री मनीष राठौर, जिला आरबीएसके समन्वयक सुश्री दीनू शर्मा सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।  
जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.ए.के.जैन  ने बताया 21 जून से 21 जुलाई 2016 को आयोजित बाल सुरक्षा माह में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। डाॅ.जैन ने बताया कि कार्यशाला में उपस्थित ए.एन.एम.को निर्देशित किया कि लक्षित बच्चों की सौ प्रतिशत सफलता के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना अनुसार कार्य करें। डाॅ. जैन के अनुसार इस दौरान छूटे हुए बच्चों का मापअप राउण्ड भी संचालित किया जाएगा। इस दौरान 6 माह से 5 साल तक के बच्चों को आयरन फोलिक एसिड सिरप पिलाई जाएगी। माह के दौरान लाभांन्वित बच्चों को मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड में दर्ज किए जाने के निर्देश भी दिए गए। इस दौरान पर्याप्त प्रचार-प्रसार सहित प्रत्येक गांव में 5-5 नारे लेखन व सत्र स्थल पर बेनर लगाने के निर्देश दिए गए। ए.एन.एम.को निर्देशित किया गया कि वे बच्चों का वजन लेने सहित कुपोषण की स्थिति का भी पता लगाकर समुचित उपचार करें। हाई रिस्क क्षेत्रों मंे विशेष अभियान चलाकर बाल सुरक्षा माह संचालित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने 1000 की संख्या पर 100 से 120 बच्चों की सूची तैयार करनी है। उन्होंने बताया कि भारत में निमोनिया से 18 प्रतिशत,दस्त से 15 प्रतिशत बच्चों की मौत होती है। मलेरिया से 8 प्रतिशत, कुपोषण से 45 प्रतिशत, सांस में रूकावट से 9 प्रतिशत तथा खसरा से 3 प्रतिशत मौत भारत मंे होती है। कार्यशाला में अभियान को सफल बनाने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश दिए गए। 

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