पटना 29 जून, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के नेतृत्व में आज छात्र संगठनों ने प्रतिरोध मार्च निकाला और सरकार से कला एवं शिल्प महाविद्यालय के जेल में बंद छात्रों को रिहा करने, उनका निलंबन वापस लेने तथा प्राचार्य को हटाने की मांग की । कला एवं शिल्प महाविद्यालय पटना बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले छात्र संगठनों की ओर से विधानसभा का घेराव करने के लिए पटना विश्वविद्यालय से कन्हैया के नेतृत्व में निकाले गये प्रतिरोध मार्च को पुलिस ने गांधी मैदान के निकट जेपी गोलम्बर पर रोक दिया । इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की भी हुई । थोड़ी देर नोंकझोंक के बाद छात्र गांधी मैदान लौट गये और वहां श्री कुमार ने सभा की । कन्हैया ने इस मौके पर शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को समान रूप से जिम्मेवार ठहराया । उन्होंने कहा कि बिहार और मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गयी है । इसके लिए मुख्य रूप से केन्द्र सरकार की नीतियां जिम्मेवार है ।
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों के समर्थन से चुनाव जीतकर आये हैं और मुख्यमंत्री बने हैं । उनसे अपेक्षा है कि वे जेल में बंद निर्दोष छात्रों पर से मुकदमा वापस लें ताकि उनकी रिहाई हो सके । इसके साथ ही कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्रों का निलंबन तुरंत वापस लिया जाये और कॉलेज के प्राचार्य को हटाया जाये । इससे पूर्व पटना पहुंचने के तुरंत बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष ने बेऊर जेल में बंद एआइएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार और सात अन्य छात्रों से मुलाकात की । उनके साथ जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष शेहला राशिद शोरा भी थीं । मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कन्हैया ने बिहार में टॉपर घोटाले के लिए भी केन्द्र सरकार को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि यह केवल डिग्री की विश्वसनीयता का मुद्दा नहीं है बल्कि यह पूरी व्यवस्था का मुद्दा है । उन्होंने कहा कि सवाल तो प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की डिग्री पर भी उठ रहे हैं । इसलिए पूरी व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है ।
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