अमृत-महोत्सव सम्पन्न : आलोचक के साथ सर्जक होना बड़ी बात - डॉ. रामदरश मिश्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 4 जुलाई 2016

अमृत-महोत्सव सम्पन्न : आलोचक के साथ सर्जक होना बड़ी बात - डॉ. रामदरश मिश्र

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नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय) मूर्धन्य साहित्यकार एवं सुविख्यात वैदिक चिन्तक डॉ. सुन्दर लाल कथूरिया की 75वीं वर्षगाँठ  के अवसर पर आयोजित अमृत महोत्सव एवं अभिनन्दन समारोह का आयोजन जनकपुरी के  बी-२ब्लाक स्थित आर्य समाज मन्दिर में किया गया। उनके सम्मान में प्रकाशित "साहित्य एवं समाजशास्त्रीय बोध : विविध आयाम" शीर्षक ग्रंथ का लोकार्पण सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश एवं प्रख्यात साहित्यकार डॉ. रामदरश मिश्र ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के रामकथा-विशेषज्ञ डॉ. रमानाथ त्रिपाठी ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि 'जयतु हिन्दू विश्व' मासिक पत्रिका के सम्पादक डॉ. विश्व प्रकाश त्रिपाठी थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यास सम्मान से सम्मानित, कवि-कथाकार डॉ०रामदरश मिश्र ने कहा कि समालोचक के साथ सर्जक होना बहुत बड़ी बात है और यह गुण डॉ. कथूरिया में है। वे कवि भी हैं और आचार्य भी। समकालीन साहित्य पर उनकी अच्छी पकड़ है और वे एक अच्छे इन्सान हैं। दिल्ली के पूर्व महापौर श्री पृथ्वीराज साहनी ने कहा कि डॉ. कथूरिया साहित्य के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और अपना काम निर्भीकता एवं निष्ठा के साथ करते हैं। 

सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्य वेश ने उन्हें उच्च कोटि का वैदिक विद्वान बताया और कहा कि वे एक निरभिमान व्यक्ति हैं। कानपुर से पधारे डॉ. विजय प्रकाश त्रिपाठी ने राष्ट्रनिष्ठ साहित्यकार के रूप में डॉ. कथूरिया की प्रशंसा की तथा कहा कि उन्होंने साहित्य की अनेक विधाओं को समृध्द किया है। अध्यक्ष-पद से बोलते हुए डॉ० रमानाथ त्रिपाठी ने कहा कि डॉ. कथूरिया स्वाभिमानी साहित्यकार हैं और वे अन्याय के सामने कभी झुके नहीं हैं। श्री धनसिंह खोबा ' सुधाकर ' एवं श्रीमती राज मेहन ने सरस्वती वन्दना की।डॉ. अनिल आर्य, आर्य चन्द्र शेखर शास्त्री,डॉ. शिव कुमार शास्त्री, डॉ. मीना ठाकुर, डॉ.राहुल, सर्वश्री विजय गुप्त, कृष्ण बवेजा, अर्जुन कुमार अरोड़ा, दिनेश चन्द्र त्यागी आदि ने डॉ. कथूरिया के जीवन के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ. कथूरिया को अभिनन्दन-पत्र भेंटकर ' साहित्य-गौरव ' एवं ' पत्रकार-शिरोमणि ' की मानद उपाधियों से अलंकृत किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार, कवि, समाज-सेवी,पत्रकार आदि मौजूद थे।

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