नोएडा (अशोक कुमार निर्भय ) आज राष्ट्रीय स्तर की मीडिया सेमिनार डीएवीपी विज्ञापन निति विरोध में फिल्म सिटी मारवाह स्टूडियो के प्रांगण में आयोजित हुई। इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ़ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री, इंटरनेशनल जर्नलिज्म सेन्टर एवं आल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संयुक्त प्रयासों से उक्त सेमिनार में दिल्ली एन सी आर सहित देश के विभिन्न राज्यों के मीडियाकर्मियों ने हिस्सा लिया। सेमिनार का शुभारंभ भारतीय प्राचीन परम्परा के अनुसार इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ़ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के अध्यक्ष संदीप मारवाह, आल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक वी.के. शर्मा, अल्बीना अब्बास, न्यूज़पेपर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव विपिन गौड़, डॉ. अजय कुमार, रेडियो नॉएडा के निर्देशक सुशील भारती, सरकारी अधिकारी पंकज सिंह ने विधिवत रूप से दीप प्रज्जविलत करते हुए किया। उक्त गोष्ठी में लघु एवं मध्यम वर्गीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं के लिए डी ए वी पी की नवीनतम घोषित विज्ञापन नितियों से पैदा होने वाली औपचारिकताओं एवं विज्ञापन से प्राप्त आर्थिक समर्द्धता से वंचित होने जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर चर्चा हुई।
अपने उद्घाटन सम्बोधन में मीडिया गुरु संदीप मारवाह ने भी मॉस मीडिया एवं मॉस कम्युनिकेशन में काम करने वाले प्रतेक व्यक्ति को आम आदमी से कहीं अधिक उर्जावान एवं महत्त्वपूर्ण बताया, जिसे समाज में विशेष रूप से शोहरत के साथ साथ सम्मान भी मिलता है। उन्होंने ये भी कहा कि आज संसद में लगभग 20% सांसद प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं मीडिया क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। उन्होंने फिल्म सिटी में मारवाह स्टूडियो की स्थापना से लेकर हाल ही में 25 वर्ष पुरे होने पर रजत जयंती के सफलतापूर्वक तय किए गए सफ़र पर प्रकाश डाला। जहाँ आज इसी नॉएडा फिल्म सिटी में लगभग 100 एकड़ भूखंड में लगभग 16 स्टूडियो, तक़रीबन 350 टीवी चैनल (24x7) में आठ-आठ घंटों की तीन-तीन प्रणालियों करीब सत्रह हजार मीडियाकर्मी कार्यरत हैं। उन्होंने अपने मारवाह स्टूडियो की उपलब्धियों का व्याख्यान करते हुए बताया कि हमारे यहाँ से 150 से अधिक फ़ीचर फिल्म तथा आठ हजार ट्रेनड फिल्में बन चुकी हैं. एशियन अकादमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न के वर्ष 1993 में स्थापित होने के बाद से लेकर आज तक अपने यहाँ से एक सौ बीस देशों के बारह हजार से भी अधिक फिल्म एवं टेलीविज़न इंडस्ट्री के लिए मीडियाकर्मियों को प्रशिक्षित कर चुका है और यही कारण है कि मारवाह स्टूडियो ने विश्व के टॉप 10 मीडिया स्कूलों में गौरवपूर्ण जगह कायम करने में सफलता प्राप्त की है।
इसी तरह रेडियो नॉएडा के निर्देशक सुशील भारती ने भी अपने उद्घोष में पत्रकारों के हितों के लिए एकजुट होकर सभी पत्रकारों को आगे आने का आग्रह किया। जबकि डॉक्टर अजय ने भी मीडिया के समक्ष चुनौतियाँ एवं अवसर पर प्रकाश डाला. आल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष वी के शर्मा (अध्यक्ष) ने सभी छोटे एवम् मंझोले क्षेत्रीय समाचार पत्रो को सरकारी विज्ञापन मिलने में हो रही कठिनाई एवं उनके लिए सरकारी नीतियों की बाधाओ को समाप्त करने के लिए रण निति तैयार की गुहार लगाई। शर्मा ने संदीप मारवाह को मीडिया क्षेत्र में भीष्म पितामह की उपमा देते हुए कहा कि वे अपनी एसोसिएशन एवं सहयोगी संस्थाओं के संग मिलकर इंटरनेशनल चैम्बर ऑफ़ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के नेतृत्व में यथोचित समाधान के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ज्ञापन सौपने का मन बना चुके हैं। न्यूज़पेपर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव एवं युवा पत्रकार विपिन गौड़ ने भी इस ज्वलंत मुद्दे पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा घोषित कई नीतियाँ कारगार भी है लेकिन कुछ में बदलाव की भी जरुरत है। गौरतलब है कि सन 2013 तक यानि पिछले 43 वर्षों तक कोई बदलाव नहीं लाए गए। और जहाँ तक सिंगल विंडो सिस्टम एवं ऑनलाइन सुविधा की बात की जाए तो आर एन आई ने भी प्रसंसनीय सुधार किए। सबसे बड़ी बात ये है कि जो वास्तव में पत्रकारिता क्षेत्र में हैं भी नहीं वे भी अपने आपको पत्रकार का प्रभाव दिखा तथा अपने वाहनों पर फिजूल ही में प्रेस का स्टीकर लगाकर दुरूपयोग करते हैं ऐसे वाक्यों से सावधानी के लिए कड़े कानून जरुर बनने चाहिए।
वहीँ भारत सरकार में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी पंकज ने भी इस विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत एक बड़ा देश है जहाँ पूरी दुनिया बसती है। हमें आलोचना के साथ-साथ विकल्प भी ढूढने चाहिए. जहाँ तक समाचार पत्र पत्रिकाओं के बात करें तो अधिकांशतया समाचारपत्र होली, दीवाली, स्वंत्रता दिवस एवं नव वर्ष पर ही प्रकाशित होते हैं इसे भी झुठलाया नहीं जा सकता है। देखिए मीडिया एक मिशन है जो सार्वजानिक कल्याण एवं देश को जोड़ने के साथ स्वच्छ समाज निर्माण में सहायक होता है। लेकिन ये बड़ा दुखद विषय है कि मीडिया की छवि का भी पतन हुआ है हमें इस पर गंभीरता से विचार करना ही होगा। सेमिनार के दुसरे सत्र में वरिष्ठ पत्रकार सुशील भारती के मंच संचालन में मीडिया में चुनौतियाँ एवं उपलब्धियों विषय पर मारवाह स्टूडियो की फैकल्टी ने महत्त्वपूर्ण तरीके से प्रकाश डाला। जिसमें वरुण वर्मा ने जन संपर्क, डॉक्टर सईद नवाज अहमद ने प्रिंट एवं वेब मीडिया, विकास सिंह ने सिनेमा, आकाश मुनि ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रभाव, अल्बीना अब्बास ने न्यू मीडिया जैसे अहम् विषयों पर मीडिया की विभिन्न विधाओं के प्रभाव एवं उपलब्धियों को सरल शब्दों में व्यक्त किया। सेमीनार के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रतीक चिन्ह एवं डॉक्टर अमित कौर पुरी द्वारा भेंट “लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स” पुस्तक से सम्मानित भी किया गय।

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