बेगूसराय (बिहार) की खबर (07 जुलाई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 7 जुलाई 2016

बेगूसराय (बिहार) की खबर (07 जुलाई)

अनियमितताओं की नींव पर चलता है ज़िला परिषद बेगूसराय

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संतोष कुमार,बलिया,बेगूसराय। ज़िला परिषद बेगूसराय के दूकान आवंटन में भाड़ी गड़बड़ी है,सारे नियमों को ताक पर रखते हुए दूकान आवंटन किया गया है और जो भी दुकानें आवंटित हैं उसको कभी भी दुबारा जांच नहीं किया गया कि यह किसके द्वारा और कैसे चलाया जा रहा है,यह नियमानुसार है भी या नहीं।बलिया बाज़ार में ज़िला परिषद की कुल 47 दुकानें हैं जिसमें से 23 दुकानें जो निचली तल्ला की हैं उनमें से मात्र 6 दुकानों को छोड़ कर शेष सभी दुकानों को किराए पर लगा दिया गया है उन लोगों के द्वारा जिनके नाम से दुकानें आवंटित हैं।हैरत की बात तो ये है कि उन लोगों ने बतौर डिपॉजिट एक लाख रु और 3000 रु मासिक किराया पर लगा रखा है जो नियमानुकूल नहीं है,नियम तो यह भी कहता है कि एक आदमी के नाम से एक ही दुकान आवंटित होना चाहिये और जो सरकारी नौकरी में हैं उनके नाम से भी दुकान का आवंटन गैर क़ानूनी है लेकिन बलिया ज़िला परिषद मार्किट में इन सारे नियमों की धज्जी उड़ाते हुए दुकानों का आवंटन किया गया है।सूत्रों की मानें तो दुकान नम्बर एक के दुकानाधारक को सरकारी नौकरी है फिर भी दुकान लेकर किराया पर लगा रखा है,उतना ही नहीं दुकान संख्या 2, 3, 6, 8, 9,12 को छोड़ कर कुल 23 दुकानों में शेष दुकानें किराए पर लगा रखा है और एक एक आदमी ने अपने सगे संबंधियों के नाम पर 5-5 दुकानें आवंटित करा लिया है जिसको कोई देखने वाला नहीं है।एक चौकाने वाली बात ये है कि प्रत्येक महीने ज़िला परिषद का स्टाफ किराया भी वसूलने आता है और वही आदमी (नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया) प्रत्येक महत्वपूर्ण त्यौहार पर 100 से 150 रु प्रति दुकान जबरन वसूलता है क्योंकि उसे पता है कि यहाँ जबरदस्त गड़बड़ी ने पनाह ले रखा है।एक बात और बताता चलूं कि बलिया ज़िला परिषद मार्केट का वर्षों से कोई विभागीय देख रेख या मेन्टेनेन्स नहीं हुआ है ऐसा देखने से प्रतीत होता है।ये मामला सिर्फ बलिया ही में नहीं है बल्कि ज़िला में जहाँ जहाँ परिषद की दुकानें हैं सभी जगहों पर यही हाल है।पूर्व ज़िला पार्षद अध्यक्षा ने अपने 5 वर्षों के कार्य काल में कुछ नहीं किया,अनियमितताओं को बढ़ावा देने के अलावे।इस गंभीर मामले को जिलाधिकारी,बेगूसराय को निष्पक्ष होकर जांच करते हुए दोषी व्यक्तियों पर विधि सम्मत सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहिए।

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगूसराय।कहते हैं,रमजान-उल-मुबारक माहे-अफजल है। इसकी अजमत, इसकी फ़ज़ीलत और इसके पैग़ाम को हर कोई अपने दिल में उतार ले तो पूरी इंसानियत का भला हो। तभी तो इसे रहमतों और बरकतों का महीना भी कहते हैं,रमज़ान का आगाज़ चाँद से और अंजाम भी चाँद के दीदार से होता है। चाँद से ही रोशन है कई तीज-त्यौहार और इबादत की रवायतें... ऐ चाँद, हमें हमारे बिछुड़े दोस्तों से मिला देना।आज गाँधी स्टेडियम में सुबह की नमाज़ अदा किया गया,जिसमें बेगूसराय के जिलाधिकारी मो• नौशाद युसूफ भी शरीक हो नमाज़ अदा किए।कल चाँद देखने के बाद आज सुबह 7:30 बजे से 9 बजे तक नमाज़ अदा करने का समय तय किया गया था,समय और मौसम को ध्यान में रखते हुए समय पर साभी कार्य सम्पन्न होते हुए,सभी भाई एक दूसरे से गले मिलते हुए पाक ईद की मुबारकबाद दिए।मुस्लिम भाइयों का यह त्यौहार लगभग सभी देशों में मनाया जाता है।इस ईद के मौके पर सभी बड़े अपने से छोटे को ईदी देते हैं यह ईदी के रूप में घूमने फिरने मिठाई खाने या फिर इच्छा अनुसार बाज़ार से अपने अपने पसंददीदा सामान आदि खरीदने के लिए दिया जाता है।ऐसा लगभग हर मज़हबों के त्योहारों में सभी बड़े अपने छोटे को देते हैं।इस ईद के अवसर पर बेगुसराय प्रशासन ने भी अपना अहम् भूमिका निभाया और शान्ति पूर्ण ईद का त्यौहार पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।बेगुसराय शहर की अपनी अलग गरिमा है,दोस्तों मैं ये बताना मुनासिब समझते हुए बता रहा हूँ की पुरे रमज़ान में कोई भी ऐसा दिन नहीं गया होगा जिसमें हिन्दू भाइयों के तरफ से दावत-ए-इफ्तार न रखा गया हो।दूसरी तरफ मुस्लिम भाइयों ने भी ईद के मौके पर हिन्दू भाइयों को दावत देकर सेवई खिलाया और आवाम के बेहतरी और शान्ति के लिए सामूहिक नवाज़ अदा करते हुए बड़े ही हर्षोल्लास के साथ ईद का त्यौहार मनाया गया।

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