- पटना शहर सहित पूरे बिहार में चला प्रचार, आयोजित हुईं नुक्कड़ सभायें.
पटना 9 जुलाई 2016, टाॅपर घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग पर भाकपा-माले द्वारा 11 जुलाई को आहूत बिहार बंद की तैयारी अपने अंतिम चरण में पहुंच गयी है. माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बंद के समर्थन में हमने सीपीआई, सीपीआई (एम), एसयूसीआई (सी), फारवर्ड ब्लाॅक, आरएसपी जैसी राजनीतिक पार्टियों, शिक्षा से सरोकार रखने वाले सामाजिक कार्यकत्र्ताओं, बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों से भी समर्थन मांगा है. इसके अलावा टेंपो-बस चालक संघों को पत्र लिखकर भी बंद को समर्थन देने की अपील की गयी है. उन्होंने कहा कि यह बंद इसलिए किया गया है कि सरकार टाॅपर घोटाले के केवल आपराधिक पहलू की ही जांच कर रही है और केवल ‘छोटी मछलियों’ को पकड़ा जा रहा है. जबकि ऐसा घोटाला बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है. यह शिक्षा नीति की विफलता को भी दिखलाता है. जो शिक्षा नीति चली आ रही है, उसकी वजह से आज प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा एक खरीद-फरोख्त की वस्तु बन गयी है, शिक्षा पर माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है और महंगे प्राइवेट स्कूलों की बाढ़ आ गयी है. शिक्षा में निजी पूंजी व वित्तरहित शिक्षा को बढ़ावा देने की नीति ने इस तरह के घोटालों को संस्थाबद्ध किया है. जदयू-भाजपा से लेकर राजद ये सभी पार्टियां शिक्षा की बर्बादी के लिए जवाबदेह हैं. इसलिए शिक्षा को राजनीतिक आंदोलनों का प्रमुख मुद्दा बनाने के उद्देश्य से यह बंद किया गया है. शिक्षा व बिहार को बचाने की चुनौती हम पर है.
पटना शहर में चला प्रचार, नुक्कड़ सभायें:
बंद के समर्थन में आज दो प्रचार वाहन निकले. एक प्रचार वाहन की कमान इनौस नेता मनीष कुमार सिंह, कमलेश कुमार और अजय कुमार ने संभाली. इस टीम ने कई इलाकों में घुम-घुमकर बिहार बंद को समर्थन देने की अपील की. पर्चा व माइकिंग के माध्यम से लोगों को यह बताने की कोशिश की गयी कि आज शिक्षा पर जिस तरह का हमला है, हम सबको एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा. दूसरी टीम का नेतृत्व भाकपा-माले केंद्रीय कमिटी सदस्य शशि यादव, माले नेता मुर्तजा अली, हिरावल के संयोजक संतोष झा आदि ने किया. इस टीम ने चितकोहरा, आशियाना, गांधी मैदान, कंकड़बाग आदि इलाकों में नुक्कड़ सभायें आयोजित कीं. नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि हम बिहार के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे. सरकार को टाॅपर घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की जांच करानी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि दलित व कमजोर वर्गों के छात्रों की छात्रवृत्ति काटकर नीतीश सरकार बिहार के जनादेश का अपमान और सामाजिक न्याय से विश्वासघात कर रही है. इसके खिलाफ हम संघर्ष जारी रखेंगे. वहीं, माले के पटना जिला सचिव अमर ने बताया कि पटना शहर के अलावा मसौढ़ी, पालीगंज, दानापुर, बिहटा, फतुहा, नौबतपुर, धनरूआ आदि इलाकों में भी बंद के समर्थन में प्रचार वाहन निकाले गये और नुक्कड़ सभायें आयोजित की गयीं. भोजपुर, सिवान, जहानाबाद, अरवल, दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, गया, गोपालगंज, बेतिया, मोतिहारी, पूर्णिया आदि शहरों में भी प्रचार वाहन निकाले गये और नुक्कड़ सभायें आयोजित की गयीं.

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