नयी दिल्ली,05 जुलाई, देश में दालों की कमी के संकट का स्थायी समाधान ढूंढ़ने की कवायद में जुटी सरकार ने अफ्रीकी देश मोज़ाम्बीक के साथ अरहर एवं उड़द दालों के उत्पादन और खरीद के एक करार को आज मंजूरी दे दी। सरकार ने 2020 तक दाल का आयात एक लाख टन से बढ़ा कर दो लाख टन करने का लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल से शुरू हो रही अफ्रीका के चार देशों की यात्रा की शुरुआत मोज़ाम्बीक से हो रही है अौर इस दौरान इस आशय के करार पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां श्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि देश में दालों की कमी को देखते हुए बाहर से खासकर म्यांमार से दाल का आयात किया जाता है मगर उसका स्वाद भारत की दाल जैसा नहीं होता है। इसे देखते हुए मोज़ाम्बीक को दालों की खेती में मदद करने और उससे सरकार के स्तर पर दाल की खरीद के लिये करार करने का फैसला किया गया है जिसके मसौदे को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी है। श्री प्रसाद ने बताया कि अभी दाल का आयात एक लाख टन है जिसे 2020 तक दो लाख टन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मोज़ाम्बीक में जो दाल पैदा होगी,वह भारत की दाल के स्वाद वाली होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नई दिल्ली में आयोजित किये गये भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन में भाग लेने आये मोज़ाम्बीक के राष्ट्रपति ने श्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में कृषि के क्षेत्र में समझौते की पेशकश की थी।

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