बंजर जमीन वाले रालेगण सिद्धि में अब समृद्धि की बहार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 जुलाई 2016

बंजर जमीन वाले रालेगण सिद्धि में अब समृद्धि की बहार

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रालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र), 10 जुलाई, कभी भूख , बंजर जमीन और नशे की समस्या से जूझ रहा महाराष्ट्र का रालेगण सिद्धि गांव न केवल तेजी से समृद्धि की ओर बढ़ रहा हैं , बल्कि पठारी इलाके में बसा यह गांव अब कस्बे का रूप लेने लगा है । देश के जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने फौज की नौकरी से सेवानिवृति के बाद जब अपने पुश्तैनी गांव को अपनी कर्मभूमि बनायी , तब यहां के लोग न केबल भूख की समस्या से जूझ रहे थे , बल्कि नशे की प्रवृति ने उनके जीवन को नरक बना रखा था और पानी की समस्या तथा बंजर जमीन के कारण कारण खेती ने अभिशाप का रूप ले रखा था । आज इस गांव में ज्वेलरी की दुकान , रेस्त्रां , दैनिक जरूरतों की वस्तुओं की दुकाने , मोटर गराज , बैंक , एटीएम तथा कई अन्य सुविधायें उपलब्ध है । लगभग हर घर में शैचालय की सुविधा वाले इस गांव में लडकियां दोपहिया वाहनों से फर्राटे से सफर करती है । अन्ना हजारे ने जब इस गांव में परिर्वतन का संकल्प लिया तो उन्होंने सबसे पहले जल संरक्षण और वृक्षारोपण पर सबसे अधिक ध्यान दिया । जल संरक्षण के लिये जगह जगह चेक डैम का निर्माण ग्रामिणों के सहयोग से किया गया ताकि लोग खेती बाडी का काम कर सकें। भू गर्भ जल का स्तर बढाने के लिये जगह जगह कुओं का निर्माण भी किया गया । कुओं के निर्माण के लिये पत्थरों का उपयोग किया किया गया , हालांकि इनमें से कुछ कुओं की स्थिति अब अच्छी नहीं है ।

बिजली और टेलीफोन की सुविधा से लैस इस गांवों के लोग अपनी जरूरतों के लिये अनाज का उत्पादन तो करते ही हैं , पशुओं के लिये प्रचुर मात्रा में हरे चारे , बकरी पालन , डेयरी , और कुक्कुट पालन कर अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं । डेयरी को लेकर लोगों में ज्यादा ही उत्साह है । खुशी की बात यह है कि यहां के किसान सब्जियों और फलों के उत्पाद में भी विशेष रूचि लेते हैं । यहां बच्चों की शिक्षा के लिये प्राथमिक विद्यालय तो है ही अन्ना हजारे ने अपने प्रयास से एक उच्च विद्यालय का भी निर्माण कराया है जहां “ बिगडैल ” किस्म के बच्चों का नामांकन कराया जाता है । अन्ना हजारे के मीडिया विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि जो बच्चे बार बार फेल करते हैं , जिनकी पढाई लिखाई में रूचि नहीं नहीं होती है और जो बाल अपराध में शामिल होते हैं ऐसे विद्यार्थियों का इस स्कूल में नामांकन किया जाता है । पहाडी पर स्थित इस स्कूल में रालेगण सिद्धि और आसपास के गांवों के लगभग एक हजार बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं । इस विद्यालय के निकट ही एक छात्रावास है , जहां लगभग तीन सौ छात्रों को रखा गया है । हरे भरे इस गांव में वन विभाग ने एक खूबसुरत भवन का निर्माण कराया है जहां वन्य जीवों के संरक्षण तथा प्रकृति की सुरक्षा को लेकर स्थायी प्रदर्शनी लगाई जायेगी । इस भवन के बाहरी स्वरूप का ऐसा डिजाइन किया गया है , जिससे यह आभास होता है कि पूरा भवन बांस और लकडियों से बनाया गया है । 

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