बिहार : होम डिलीवरी के माध्यम से उपलब्ध है शराब - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 14 जुलाई 2016

बिहार : होम डिलीवरी के माध्यम से उपलब्ध है शराब

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राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद कुछ दिनों तक तो लोगों में कड़े कानून का भय दिखाई दे रहा था लेकिन अब कानून का खौफ समय बीतने के साथ ही कम होता दिख रहा है।शराब पीने और पिलाने वालों ने इसके लिए कई दूसरे उपायों का सहारा ले लिया है।शराबबंदी का एक फायदा शराब के व्यवसाय से जुड़े लोगों को अवश्य हुआ है कि शराब के बोतल पर अंकित कीमत से तीन गुणा चार गुणा व पाँच गुणा अधिक मंहगी दर पर बेच रहें हैं।निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए इतनी मंहगी कीमत पर शराब पीने का शौक मिटाना भले ही काफी कठिन है परन्तु अमीर और रसूख वाले लोग ज्यादा कीमत देकर भी हर रोज जाम पर जाम टकरा रहे हैं।हालांकि की कीमत ज्यादा होने के कारण जो लोग सुबह से शाम तक कई बार इसका सेवन करते थे वैसे लोगों के द्वारा शाम के समय का उपयोग किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार अप्रैल महीने में जब सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून लागू किया गया तो उस वक्त कानून में किए गए कड़े  प्रावधानों की वजह से काफी दहशत का माहौल अवश्य बना था लेकिन समय बीतने के साथ ही डर में कमी आती गई।वहीं दूसरी ओर यदि आप प्रतिबंध के बाद भी चाहते हैं कि शराब पीने का अपना शौक पूरा करें तो इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का मोबाइल फोन नंबर उपलब्ध कर उनसे संपर्क स्थापित करें।संपर्क स्थापित होत ही आपको होम डिलीवरी के जरिए शराब की बोतल उपलब्ध हो जाएगी।होम डिलीवरी के वक्त सीओडी की सुविधा प्रदान की गई है।बिल्कुल आॅनलाईन व्यापार की जैसे कैश आन डिलीवरी।सामान मिलते ही पेमेंट कर देना है।वैसे शराब का चोरी छिपे व्यापार करने वाले लोगों ने शराब सप्लाई करने के लिए नेटवर्क सिस्टम अपना रखा है।पहली बात तो यह है की शराब बेचने वाले लोग किसी अपरिचित का मोबाइल कॅाल रिसीव करने से परहेज करते हैं।दुसरी ओर जब ग्राहक और व्यापारी का संपर्क स्थापित हो जाता है तब व्यापारी सप्लाई के लिए दिए गए पते का मुआयना करते हैं।जब  उन्हें लगता है की कोई खतरा नहीं है तब जाकर वह स्वयं नहीं बल्कि अन्य दूसरे ओर तीसरे लोग आपको शराब की बोतलें मुहैया कराएंगे।।इस तरह प्रतिबंधित होने के बावजूद शराब का व्यवसाय नेटवर्क की शक्ल में चल रहा है।

सूत्रों की माने तो कड़े कानून होने के बाद भी लगातार शराब की बिक्री विभिन्न माध्यमों से जारी है।।जिसमें ट्रेन के माध्यम से शराब की तस्करी प्रमुख है।हालांकि रेलवे के द्वारा लगातार छापेमार। कर शराब की कई खेप पकड़ी भी जा रही है।।इसके अलावा दूसरे राज्यों से जो ट्रक गिट्टी बालू आलू प्याज़ आदि अन्य कई प्रकार की आपूर्ति करती हैं उन ट्रकों का इस्तेमाल शराब मंगाने में किया जा रहा है।सहरसा जिला के नेपाल से नजदीक होने के कारण शराब तस्करों के लिए काफी मुफीद जगह बन गया है।जानकारी के अनुसार पैसे वाले व सभ्रांत परिवार से आने वाले लोग अहले सुबह नेपाल की ओर प्रस्थान करते हैं और शराब की चुस्कियों का मजा लेते हैं।इसके बाद जब नशा का असर समाप्त होता है तब घर वापसी करते हैं।देखा जाये तो एक बात साफ़ तौर पर समझा जा सकता है की जैसे राज्य में कोटपा कानून लागू किया गया है और इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।प्रतिबंध के बाद भी गुटका व तम्बाकू से बने उत्पाद की बिक्री जारी है उसी प्रकार प्रतिबंधित होने के बावजूद शराब का व्यवसाय चोरी छिपे चल रहा है।

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