नयी दिल्ली,05 जुलाई, वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर अकेले ऐसे मंत्री हैं जिनका मंत्रिमंडल के आज के विस्तार में ओहदा बढ़ाया गया है। उन्हें राज्य मंत्री से कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया गया है। श्री जावड़ेकर के लिए यह खबर अप्रत्याशित रही । उन्हें यह खबर तब मिली जब वह जर्मनी के बर्लिन में जलवायु सम्मेलन में शिरकत कर रहे थे। राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समाराेह के बाद मीडिया से मुखातिब हुए श्री जावड़ेकर ने कहा‘‘जिस समय मुझे यह खबर मिली,मैं जर्मनी में था। मुझे शपथ ग्रहण समाराेह में शामिल होने के लिए फौरन दिल्ली लौटने को कहा गया। सुबह जर्मनी से कोई सीधी उड़ान उपलब्ध नहीं होने की वजह से मुझे हड़बड़ी में आबूधाबी में उड़ान बदलकर दिल्ली पहुंचना पड़ा।’’ श्री जावड़ेकर पिछले दो साल से राज्य मंत्री के रुप में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का कार्यभार देख रहे थे। शुुरु में वह सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय मामलों के राज्य मंत्री भी थे। नवंबर 2014 में मंत्रिमंडल में हुए पहले फेरबदल में उन्हें इन मंत्रालयों की जिम्मेदारी से मुक्त कर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था।
ऐसा माना जा रहा है कि श्री जावड़ेकर ने विभिन्न परियोजनाओं को बिना देरी के पर्यावरणीय मंजूरी दी और पर्यावरण नियमों को प्रधानमंत्री के विकास एजेंडे के रास्ते में आड़े नहीं आने दिया। संभवत: इसीलिए अोहदा बढ़ाकर उन्हें पुरस्कृत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपनी मंत्रिपरिषद के दूसरे विस्तार में 19 नये चेहरे राज्य मंत्री के रूप में शामिल किये जबकि पांच राज्य मंत्रियों को हटा दिया। इन सबके बीच श्री जावड़ेकर सबसे खुशकिस्मत रहे,अकेले उनका ओहदा ही बढ़ाया गया। समझा जाता है कि श्री मोदी ने अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के बाद किये गये मंत्रिपरिषद के इस विस्तार में अनुभव को तरजीह दी है और साथ ही कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सामुदायिक,सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को भी ध्यान में रखा है। मंत्रिपरिषद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाते हुए दो और महिला सांसदों को मंत्री बनाया गया है ।

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