नयी दिल्ली 01 जुलाई, दिल्ली प्रशासन के विभिन्न पहलुओं को लेकर केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच जारी जंग अब उच्चतम न्यायालय पहुंच गयी है। उच्चतम न्यायालय सोमवार को केजरीवाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की और कहा कि संविधान के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारों से जुड़े विवाद का निपटारा करना सिर्फ उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने की तिथि नियत की। दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने न्यायालय में दलील दी कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी(आप) सरकार के बीच जारी लड़ाई के कारण राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली सरकार ने दलील दी कि इस लड़ाई के कारण संविधान निहित संघीय ढांचेपर प्रतिकूल असर पड़ता है, इसी कारण सिर्फ उच्चतम न्यायालय ही इस पर फैसला ले सकता है। सुश्री जयसिंह ने कहा,“ हाल में केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच कई मसलों को लेकर तनातनी हुई है । केंद्र ने दिल्ली सरकार के सरकारी वकीलों की नियुक्ति से लेकर सरकारी कर्मचारियों के जुड़े भ्रष्टाचार और कर्तव्य में लापरवाही बरते जाने के मामलों की जांच के लिए आयोग के गठन तक के फैसलों का विरोध किया है। ” दिल्ली सरकार का कहना है कि उच्चतम न्यायालय को निर्देश जारी करे कि दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से जुड़े मसलों पर वह अपना फैसला न दे। सुश्री जयसिंह ने कहा,“ उच्चतम न्यायालस को यह निर्णय करना चाहिए कि दिल्ली राज्य है या नहीं क्योंकि यहां अधिकार क्षेत्र को लेकर जारी लड़ाई की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में एक तरह से अराजकता की स्थिति हाे गयी है। ”

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