नयी दिल्ली 01 जुलाई, केन्द्रीय कानून मंत्री डी वी सदानन्द गौड़ा ने विधि आयोग से देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की संभावनाओं का अध्ययन करके इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। श्री गौड़ा ने एक निजी टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने विधि आयोग से समान नागरिक संहिता के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने पहले कहा था कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे की पड़ताल और समुचित आकलन के लिए विधि आयोग के पास भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा,“ हमने विधि आयोग से इस मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए कहा है। यह हमारी पार्टी का एजेंडा है और इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के बाद ही कोई कार्रवाई करेगी। इस पर व्यापक सलाह-मशविरे की जरूरत है। इसका गहराई से अध्ययन किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए विभिन्न पसर्नल लाॅ बोर्डों और अन्य पक्षों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा और इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है।
संविधान की प्रस्तावना और उसका अनुच्छेद 44 में भी कहता है कि एक समान नागरिक संहिता की जरूरत है। इस पर व्यापक विचार-विमर्श करने की जरूरत है। कानून मंत्री ने कहा कि कोई निर्णय एक या दो दिन के भीतर नहीं लिया जा सकता है। इसमें समय लगता है। समान नागरिक संहिता लागू करना भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा है।देश में हर प्रमुख धार्मिक समुदाय के रीति रिवाजों पर आधारित पर्सनल ला के स्थान पर समान नागरिक संहिता लाने के लिए इससे संबंधित प्रस्ताव लाया गया है। उन्होंने कहा कि पसर्नल ला लोक कानून से भिन्न हैं और इसके अन्तर्गत विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता आदि विषय आते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें