नीतीश को औद्योगिक नीति की चिंता नहीं : सुशील कुमार मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


रविवार, 3 जुलाई 2016

नीतीश को औद्योगिक नीति की चिंता नहीं : सुशील कुमार मोदी

nitish-ignoring-industries-sushil-modi
पटना 03 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज कहा कि मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार शराबबंदी के राष्ट्रीय अभियान में इतने मशगूल हैं कि नई औद्योगिक नीति 2016 को अंतिम रूप देकर लागू करना तो दूर पुरानी औद्योगिक नीति 2011 को विस्तारित करना भी भूल गए हैं। भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां कहा कि पुरानी औद्योगिक नीति का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो गया है। बिहार इन दिनों बिना किसी औद्योगिक नीति के ही चल रहा है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार शराबबंदी के राष्ट्रीय अभियान में इतने मशगूल हो गये हैं कि उन्हें नयी औद्योगिक नीती 2016 को लागू करना तो दूर पुरानी औद्योगिक नीति 2011 का ही विस्तार करना भूल गये है । 

श्री मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने स्टार्ट अप, वेन्चर कैपिटल फंड , हस्त शिल्प, वस्त्र आदि क्षेत्रों में नई नीति बनाने का ऐलान किया था लेकिन सब अभी तक कागज पर ही है। मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए टास्क फोर्स द्वारा विजन डाक्यूमेंट आज तक तैयार नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि वेंचर कैपिटल फंड के लिए पांच सौ करोड़ की घोषणा के बावजूद मात्र 50 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है। भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह उद्योंगो के जमीन के लिए ..आओ बिहार.. और ..निजी औद्योगिक क्षेत्र योजना .. पूरी तरह से विफल हो गई है। एक ओर राईस मिल के 63 प्रस्ताव और खाद्य प्रसंस्करण के 87 प्रस्ताव कई माह से लंबित है वहीं खाद्य प्रसंस्करण योजना की विस्तारित अवधि भी 30 जून को समाप्त हो गई है। श्री मोदी ने कहा कि राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी नीति 2011 को पांच वर्ष हो गए लेकिन 100 करोड़ का भी पूंजी का निवेश नहीं हो पाया है। राज्य सरकार ने नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति बनाने पर भी चुप्पी साध रखी है। उन्होने कहा कि श्री कुमार को यह बताना चाहिए कि बिना औद्योगिक नीति और समाप्त हो चुकी हो चुकी सूचना प्रौद्योगिकी नीति के अभाव में क्या केवल शराबबंदी से राज्य में पॅूजी निवेश एवं लोगों को रोजगार मिल पाएगा ।

कोई टिप्पणी नहीं: