इस्लामाबाद, 01 जुलाई, पाकिस्तान ने कहा है कि उसकी सेना लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समर्थक है और वह भारत के साथ संबंध सामान्य बनाने के विरूद्ध नहीं है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कल संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान की सेना तथा सरकार के नेतृत्व के बीच मतभेद का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा और सेना बराबर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करती रहेगी । प्रवक्ता ने यह प्रतिक्रिया भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले दिनों की इस टिप्पणी के बाद दी है कि यह फैसला करना मुश्किल है कि पाकिस्तान में किससे बातचीत की जाये, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गयी सरकार से या किसी अन्य से।
श्री मोदी ने एक टेलीविजन चैनल को दिये गये इंटरव्यू में यह भी कहा था कि पाकिस्तान में लक्ष्मण रेखा के बारे में कौन फैसला करेगा चुनी हुई सरकार या कोई और । श्री जकारिया ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच के मसलों को हल करने के लिए बातचीत ही सबसे अधिक उपयुक्त रास्ता है। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी कहा है और आज भी कह रहे हैं कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने मुम्बई के आतंकवादी हमले के मामले की अदालती सुनवाई का उल्लेख कर कहा कि विदेश सचिव एजाज चौधरी भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर को पत्र लिखकर और सबूतों की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए और सबूतों की जरूरत है लेकिन भारत ने इसका उत्तर नहीं दिया है। इससे पहले इसी सप्ताह प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज कह चुके हैं कि भारत बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढाने में बाधक बन रहा है।

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