नयी दिल्ली 12 जुलाई, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार ने कश्मीर में शांति के प्रयासों के लिए की गयी पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की दस साल की मेहनत पर पानी फेर दिया है। श्री गांधी ने जमायत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना सैय्यद अरशद मदनी द्वारा आयोजित ईद मिलन समारोह में कल कहा कि जब श्री मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उन्होंने जम्मू कश्मीर पर ध्यान दिया था और वर्षों की मेहनत के बाद हम वहां शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में कामयाब हो गये थे लेकिन हमने वहां जो उपलब्धियां हासिल की थी, स्थिति से निपटने में मोदी सरकार की लापरवाही के कारण वे बरबाद हो गईं।
उन्होंने कहा कि श्री मनमोहन सिंह के बाद जब श्री मोदी प्रधानमंत्री बने, उस समय जम्मू कश्मीर की स्थिति बिलकुल सामान्य थी। स्थिति से सही ढंग से नहीं निपटने के कारण ही कश्मीर घाटी में राजनीतिक अशांति पैदा हुई है। श्री गांधी ने कहा “कुछ महीने पहले सेवा एवं वस्तु कर विधेयक के संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात के दौरान उन्होंने कश्मीर घाटी में बढ़ती अशांति पर चिंता व्यक्त की थी लेकिन वह मेरे विचारों से सहमत नहीं हुए और उन्होंने कहा कि वहां स्थिति नियंत्रण में है। उनकी इस बात पर मैं खामोश रह गया और अब गृहमंत्री फोन करके कह रहे हैं कि कश्मीर घाटी में स्थिति खराब है।” उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता हमेशा कहते हैं कि कांग्रेस ने देश के लिए कुछ नहीं किया, आज वह उनसे पूछते हैं कि इस अशांत राज्य में शांति कौन लाया था। उन्होंने कहा“जम्मू कश्मीर में आतंकवादी संगठनों को अलग-थलग करने की हमारी नीतियों के कारण हमें जनता का भरोसा हासिल हुआ था। ”

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