निशानेबाजों के लिये फाइनल में फोकस जरूरी: अंजलि भागवत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

निशानेबाजों के लिये फाइनल में फोकस जरूरी: अंजलि भागवत

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मुंबई, 29 जुलाई, पूर्व ओलंपियन निशानेबाज अंजलि भागवत का मानना है कि इस बार रियो ओलंपिक की निशानेबाजी प्रतियोगिता में पदक की भविष्यवाणी करना काफी मुश्किल काम है क्योंकि लंदन ओलंपिक के बाद सारे नियम बदल चुके हैं। रियो ओलंपिक के लिये आधिकारिक प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स के हिंदी कमेंट्री पैनल में शामिल अंजलि ने यूनीवार्ता के साथ बातचीत में निशानेबाजी भारतीय उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर कहा“ मेडल की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। लंदन ओलंपिक के बाद तमाम नियम बदल गये हैं और अब क्वालिफाइंग का स्कोर फाइनल के स्कोर के साथ नहीं जोड़ा जाता है। निशानेबाज को फाइनल में नये सिरे के साथ शुरूआत करनी होगी।” पूर्व नंबर एक निशानेबाज ने कहा“ पहले क्वालिफाइंग का स्कोर फाइनल के स्कोर में जुडता था लेकिन अब सिर्फ फाइनल का स्कोर पदक के लिये मायने रखता है। इसलिये निशानेबाजों का पूरा फोकस फाइनल में बेहतर प्रदर्शन करने पर होना चाहिये। जब आप फाइनल में पहुंच जाएं तो भूल जाएं कि क्वालिफाइंग में क्या किया था क्योंकि फाइनल में शून्य के साथ शुरूआत होगी। यहां अगर फाइनल के दिन भाग्य आपके साथ रहता है तो पदक की संभावना बढ़ जाती है। ”


राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित अंजलि को इस बार 12 सदस्यीय भारतीय दल से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा“ निशानेबाजों से सबसे ज्यादा उम्मीदें लगाई जा रही हैं और यही बात साबित करती है कि इस खेल ने आेलंपिक स्तर पर नयी ऊचाइंयां छू ली हैं। हमारे निशानेबाज अच्छे स्कोर के सज्ञथ रियो में जा रहे हैं। उनकी तैयारियां मजबूत हैं और उनके पास प्रोफेशनल ट्रेनिंग हैं। पिछले दो वर्षों में उन्होंने जो उपलब्धियां हासिल की हैं उससे उनका मनोबल ऊंचा हो गया है।” पुणे की रहने वाली अंजलि ने पिस्टल निशानेबाज जीतू राय को पदक का प्रबल दावेदार बताते हुये कहा“ जीतू जब खेलता है तो उसपर कोई दबाव नहीं होता है। इस बात को उसने वर्ल्ड चैंपियनशिप और विश्वकप में पदक जीतकर साबित किया है। मुझे लगता है कि सेना का होने के कारण जीतू में अनुशासन बहुत है और वह दबाव झेलने की क्षमता रखते हैं।” व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता अभिनव बिंद्रा के लिये अंजलि ने कहा“बिंद्रा की तो बात ही अलग है। उन्होंने अपने आखिरी एशियाई खेलों में टीम कोरिया और जापान के विश्व स्तरीय निशानेबाजों के बीच स्वर्ण जीता था। रियो बिंद्रा का आखिरी ओलंपिक है और मुझे लगता है कि बिंद्रा एशियाई खेलों जैसी कामयाबी रियो में दोहरा सकते हैं।” 


लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग को मूडी निशानेबाज बताते हुये अंजलि ने कहा“वह इतने मूडी निशानेबाज हैं कि यदि नींद से भी उठें तो विश्व रिकार्ड बना सकते हैं। लेकिन यदि दिन खराब हो तो निराश भी कर सकते हैं। ” महिला निशानेबाजों में हीना सिद्धू को तकनीकी रूप से बेहद मजबूत बताते हुये अंजलि ने कहा कि उनकी तकनीक इतनी शानदार है कि यदि पहली एक दो सीरीज खराब भी खेलें तो वह बाकी की सीरीज में वापसी कर लेती हैं। अंजलि ने इस बात पर गर्व जताया कि उनकी 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में इस बार अयोनिका पाल और अपूर्वी चंदीला हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा“ इन युवा निशानेबाजों के पास गंवाने के लिये कुछ नहीं होगा और वह सिर्फ यहां पर बड़ा अनुभव हासिल करेंगे।” ओलंपिक कमेंट्री टीम का हिस्सा बनने से रेामांचित अंजलि ने कहा“ यह पहली बार है जब मैं निशानेबाजी में लाइव कमेंट्री करूंगी। यह मेरे लिये बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे दर्शकों तक सही और प्रमाणित जानकारी पहुंचानी होगी तभी लोग इस खेल को समझ पाएंगे।”

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