पटना 09 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्तीय वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में कुल योजना व्यय का मात्र आठ प्रतिशत राशि खर्च करने के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि राज्य सरकार हर विभाग योजना व्यय राशि को खर्च करने में फिसड्डी है लेकिन इसके बावजूद मंत्री केन्द्र पर आरोप लगाने में व्यस्त है। श्री मोदी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा , “ बिहार में विकास और बहार का झांसा देकर सत्ता पर कब्जा करने वाले नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की महागठबंधन सरकार अपने पहले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 71,501 करोड़ रुपये के कुल योजना व्यय का मात्र 8.14 फीसद (5,819 करोड़) ही खर्च कर पायी। सरकारी अस्पतालों में गरीबों को जरूरी दवाएं तक नहीं मिलतीं। दूसरी ओर 5,348 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त करने वाला स्वास्थ्य विभाग केवल 1.27 फीसद खर्च कर सका है। इसी तरह गांव-किसान से संबंधित विभाग भी पैसे खर्च करने में फिसड्डी हैं, लेकिन सरकार का हर मंत्री केंद्र पर आरोप लगाने में अव्वल है। भाजपा नेता ने एक अन्य ट्वीट कर कहा , “ वर्ष 2015 की सामूहिक नकल हो या 2016 का इंटरमीडियेट टॉपर घोटाला, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे। क्या राजनीतिक नेतृत्व को इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए थी। बिहार को पूरे देश में शर्मसार करने के बाद बिहार बोर्ड के कामकाज का पुनर्गठन हो रहा है। क्या इस बात की गारंटी है कि नई व्यवस्था में घोटालेबाजों को सत्ता का संरक्षण नहीं मिलेगा।
रविवार, 10 जुलाई 2016
सुशील ने नीतीश से पूछा क्यों योजना व्यय का मात्र आठ फीसदी खर्च किया
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