हाजीपुर 09 जुलाई, केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने वैशाली में वृहत पैमाने पर होने वाली केला की खेती को बढ़ावा देने के लिए गोरौल में केला अनुसंधान केन्द्र खोलने की घोषणा की है। श्री सिंह ने हाजीपुर के बसावन सिंह इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और अन्य केन्द्रीय संस्थानों द्वारा लगाए गए हार्टि संगम-2016 में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समस्तीपुर के पूसा स्थित राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जा चुका है और राज्य सरकार से उसके हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि दो माह के अंदर इस विश्वविद्यालय को पूर्ण केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जायेगा। उन्होंने हाजीपुर समेत वैशाली जिले के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर होने वाली केला की खेती के मद्देनजर गोरौल में केला अनुसंधान केन्द्र खोलने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र की स्थापना अगले तीन माह के अंदर कर दी जायेगी । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अगुवाई वाली सरकार देश के किसानों की आय को दुगना करने के लिए प्रयासरत है। इसके तहत कृषि , राष्ट्रीय बागवानी और मनरेगा के तहत कई योजनायें शुरू की गयी है। उन्होंने दावा किया कि इन योजनाओं से निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने केन्द्रीय योजनाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से भूमि मिलने में हो रही देर पर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग , सब्जी अनुसंधान केन्द्र समेत कई योजनाओं के लिए जमीन मांगी गयी लेकिन पर राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सरकार विकास की बात तो करती है लेकिन शराब की रट लगाने के अलावा उसे कुछ और नहीं सुझ रहा।
इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री रामविलास पासवान ने भी राज्य सरकार पर जमकर आरोप लगाया। उन्होंने एक दशक बीत जाने के बावजूद नाइपर की स्थापना की स्थापना के लिए जमीन नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विश्व के कई देश विकास की नई इबारत लिख रहे हैं लेकिन बिहार पहले की तरह जहां का तहां पड़ा हुआ है। उन्होंने उत्तर बिहार की लाईफलाइन कही जाने वाली गांधी सेतु के समानांतर पुल निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू कराए जाने की की चर्चा करते हुए कहा कि मोकामा के पुल के पास भी एक और पुल बनेगा। श्री पासवान ने कहा कि बिहार में बागवानी के क्षेत्र में असीम संभावनाएं मौजूद हैं लेकिन भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों के हित में बनाई गई कई योजनायें क्रियान्वित नहीं हो पा रही है।

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