लंदन, 09 जुलाई, वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन चैंपियनशिप के पुरुष एकल के सेमीफाइनल से पहली बार बाहर होने के बाद स्विट्जरलैंड के स्टार और दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी रोजर फेडरर ने कहा है कि यह उनका आखिरी विंबलडन नहीं है और वह अभी खेलना जारी रखेंगे। 17 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन फेडरर को सेमीफाइनल मुकाबले में कनाडा के मिलोस राओनिक के हाथों 3-6, 7-6, 6-4, 5-7, 3-6 से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसा पहली बार हुआ है कि फेडरर को विंबलडन के सेमीफाइनल मुकाबले में हार झेलनी पड़ी है। 34 वर्षीय फेडरर ने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं यहां आखिरी बार नहीं खेला हूं। मैं विंबलडन के सेंटर कोर्ट पर फिर से वापसी की उम्मीद रखता हूं। मैं दर्शकों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरा लगातार समर्थन किया। अभी मैं ऐसा बिल्कुल नहीं सोच रहा हूं कि यह मेरा अंतिम विंबलडन टूर्नामेंट है।”
विंबलडन में सात बार चैंपियन रहे फेडरर ने अपना आखिरी ग्रैंड स्लेम खिताब 2012 में विंबलडन के ग्रास कोर्ट पर ही जीता था लेकिन उसके बाद चार साल में उनकी 18वें ग्रैंड स्लेम खिताब की तलाश पूरी नहीं हो पा रही है। फेडरर पिछले दो वर्ष यहां सर्बिया के नोवाक जोकोविच से हारे थे लेकिन इस बार राओनिक ने उनका सेमीफाइनल में सपना तोड़ दिया। फेडरर हाल ही में काफी मुश्किल समय से गुजरे हैं। वह चोटिल होने के कारण फ्रेंच ओपन में शामिल नहीं हो पाए थे। अगले माह ब्राजील के रियो डी जेनेरो में होने वाले ओलंपिक खेलों में फेडरर स्विट्जरलैंड का प्रतिनिधित्व करेंगे। फेडरर को लंदन ओलंपिक में ब्रिटेन के एंडी मरे से फाइनल में हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। हालांकि ओलंपिक से पहले विंबलडन के फाइनल में फेडरर ने मरे को पराजित किया था। उन्होंने कहा, “मेरा सपना यहां आठवां खिताब जीतने का था लेकिन मेरे टेनिस खेलने का यह एकमात्र कारण नहीं है। मैं जानता हूं कि विंबलडन महत्वपूर्ण है लेकिन यह सब कुछ नहीं है। मेरे लिए यह सत्र काफी प्रेरणादायक रहा।”

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