नयी दिल्ली 06 जुलाई, दुनियाभर में बच्चों की बेहतरी के लिये काम करने वाली संस्था संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने बच्चों को हर क्षेत्र खासकर शिक्षा के क्षेत्र में ‘समान अवसर’ मुहैया करने के मकसद से कल यहां ‘फेयरस्टार्ट’ अभियान की शुरुआत की । इस मौके पर यूनीसेफ के अधिकारियों के साथ यूनीसेफ की सद्भभावना दूत और बाॅलीवुड अदाकारा प्रियंका चोपड़ा भी मौजूद थी। यूनीसेफ के आंकडों के मुताबिक भारत में लगभग 61 लाख बच्चें स्कूली शिक्षा से वंचित है और लगभग एक करोड़ गरीबी के कारण कोई न कोई काम करने को मजबूर है जिसके कारण उन्हें शिक्षा के एक समान अवसर नहीं मिल पाते है । यूनीसेफ अपनी मुहिम के जरिये ऐसे बच्चों को अन्य बच्चों की तरह बराबरी के अवसर दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यूनीसेफ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में पांच साल की उम्र पूरा करने से पहले ही हर साल लगभग 3500 बच्चे दम तोड़ देते है। आदिवासी इलाकों के बच्चों की बात करे तो वहां 42 प्रतिशत बच्चों का विकास विषम स्थितियों के कारण जीवन के शुरुआती दौर में ही थम जाता है। देश में लडकियों की स्थिति और भी बुरी है। हर वर्ष औसतन 22.2 लाख लड़कियों की शादी बाल अवस्था में ही कर दी जाती है और 15-19 वर्ष की 23 प्रतिशत लड़कियां शारीरिक और यौन शोषण का शिकार हो जाती हैं। भारत में यूनीसेफ के प्रतिनिधि लुई जॉर्ज आर्सेनॉल्ट ने कहा “सभी बच्चों को एक समान अवसर उपलब्ध करने के लिये हमारे पास एक ही विकल्प है , वह यह है कि हम अभी से ही इन बच्चों के लिए काम करना शुरू करें। बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों और पूरे समुदाय को इसके लिये जागरुक बनाएं। यूनीसेफ की इस मुहिम के समर्थन में आयी प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि ‘सभी के लिए समान अवसर’ तभी संभव है जब हम लोगों की सोच बदले। उन्होंने कहा, “ सदियों से हमारा समाज पुरुष प्रधान रहा है और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को हमेशा दूसरे दर्जे का समझा जाता है । ‘फेअरस्टार्ट’ के लिये यह जरूरी है कि समाज की मानसिकता बदले और बिना बदलाव के यह काम संभव नहीं हैं। जब तक लोग लड़के और लड़की मेें भेदभाव खत्म नहीं करेंगे तब तक इस स्थिति में बदलाव नहीं आएगा ”

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