नयी दिल्ली 29 अगस्त, केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे ने आज कहा कि देश के कृषि वैज्ञानिक किसानों की जरुरतें और उनकी समस्याओं का निराकरण करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। श्री दवे निजी क्षेत्र के वास्ते स्वच्छ और हरित पर्यावरण के लिए निवेश की संभावनाओं पर आयोजित एक कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आए दिन होने वाले अनुसंधानों का फायदा किसानों को मिल रहा है। इन अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए उन्होंने स्वच्छ और हरित पर्यावरण के क्षेत्र में निजी भागीदारी से आर्थिक स्रोत जुटाने तथा नीतिगत स्तर पर सभी हित धारकों से सक्रिय सहयोग की अपील की।
श्री दवे ने परियोजनाओं के पूरे होने के बाद पर्यावरण पर पड़ने वाले उनके प्रभावों के आकलन और पारंपरिक ज्ञान के जरिए सतत विकास के लक्ष्य हासिल करने पर भी जोर दिया । अपने किस्म की पहली तरह की इस कार्यशाला में कम उत्सर्जन और जलवायु अनुकूल विकास के लिए निजी क्षेत्र को हरित पर्यावरण कोष में योगदान करने के अवसरों को तलाशने का मौका उपलब्ध कराया गया। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से संयुक्त रुप से किया गया।
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