पटना 14 अगस्त 2016, भाकपा-माले राज्य सचिव काॅ. कुणाल ने आज पार्टी के नालंदा जिला सचिव काॅ. मित्रानंद सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है और इसे पार्टी व कम्युनिस्ट आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति बतलाया है. उन्होंने कहा कि इस शोक की घड़ी में पूरा माले परिवार मित्रानंद सिंह के परिवार के साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि हमारे काॅमरेड ऐसे समय में हमें छोड़कर गये हैं, जब उनकी हमें बहुत ज्यादा जरूरत थी. उनके कार्यभार को हम पूरा करने का संकल्प लेते हैं.
ब्रेन हैमरेज के कारण पिछले कई दिनों से आईसीयू में भर्ती मित्रानंद सिंह का आज सुबह 11 बजे के आसपास निधन हो गया. भाकपा-माले राज्य कार्यालय में उनके पार्थिव शरीर पर पार्टी नेताओं ने फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि देने वाले नेताओं में माले राज्य सचिव कुणाल, केंद्रीय कमिटी सदस्य काॅ. बृज बिहारी पांडेय, काॅ. अमर, काॅ. शशि यादव, काॅ. उमेश सिंह, काॅ. अभ्युदय, काॅ. नवीन आदि शािमल थे. तत्पश्चात उनका पार्थिव शरीर आरा रवाना हुआ. वहां पार्टी के जिला कार्यालय में उनका पार्थिव शरीर रखा गया है. कल सुबह 9 बजे आरा माले कार्यालय से जगदीशपुर स्थित लक्ष्मीपुर गांव तक उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी और गांव में ही उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी.
80 के दशक में बिहारशरीफ शहर में प्राइवेट नौकरी करते हुए मित्रानंद सिंह का संपर्क माले के वरिष्ठ नेता काॅ. पवन शर्मा से हुआ. जल्द ही वे पार्टी के सदस्य बन गये और 1986 तक पूरावक्ती कार्यकर्ता के बतौर पार्टी में काम करने लगे. उन्हें पहले बिहारशरीफ शहर में जवाबदेही दी गयी और फिर आईपीएफ नालंदा जिला का सचिव बनाया गया. 1991 के लोकसभा चुनाव में वे नालंदा से भाकपा-माले के उम्मीदवार थे. काॅ. पवन शर्मा ने बताया कि मित्रानंद सिंह एक कुशल संगठके साथ-साथ दक्ष जननेता भी थे. बिहारशरीफ के अलावा उन्होंने भोजपुर के जगदीशपुर में भाकपा-माले के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी कमी हमें हमेशा खलते रहेगी.

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