श्रीनगर 14 अगस्त, कश्मीर घाटी में शांति की बहाली के लिए सर्वदलीय बैठक की ओर से और राज्यसभा एवं लोकसभा की अपील के बावजूद यहां स्थिति में कोई सुधार के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। समूची घाटी में कर्फ्यू,निषेधाज्ञा और हडताल के आज 37 वें दिन भी जारी रहने से जनजीवन पर बुरी तरह असर पड़ा है । हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धडों और जम्मू.कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) ने अनंतनाग के कोकरनाग में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड में हिजबुल मुजाहिदीन शीर्ष कमांडर बुरहान वानी सहित दो अन्य आतंकवादियों के मारे जाने के विरोध में नौ जुलाई से शुरू की गयी हड़ताल को विस्तार देते हुए इसे 18 अगस्त तक बढ़ा दिया है। बुरहान की मौत के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा में अब तक 58 लोग मारे जा चुके हैं तथा पांच हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पुलिस ने घाटी स्थित मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक स्थानों पर शुक्रवार की नमाज के दौरान भड़काऊ बातें न कहने की इमामों से अपील की है । पुलिस ने लोगों को भी नमाज के बाद सडकों पर एकत्र न होने की चेतावनी दी है । अलगाववादी संगठनों ने कल से दो दिनों तक राजधानी श्रीनगर में लाल चौक तक‘जनमत संग्रह मार्च’ निकालने का आह्वान किया है। हालांकि कर्फ्यू लगाए जाने के बाद सुरक्षा बल और पुलिस के सैंकड़ों जवानों ने रैली को विफल कर दिया। श्रीनगर में प्रमुख इलाके एक्सचेंज मार्ग,जहां यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया सहित विभिन्न मीडिया संस्थानों के कार्यालय हैं,को कंटीले तारों से घेर दिया गया है तथा कर्फ्यू पास के बिना मीडिया कर्मियों को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस बीच बहुत से पत्रकारों और फोटो पत्रकारों ने विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों विशेषकर पुलिस द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया। एक मान्यता प्राप्त फोटो पत्रकार ने कहा,‘‘मैं अपनी ड्यूटी पर गया था लेकिन सुरक्षा बल के लोग हमें अपना काम करने से रोक रहे हैं जबकि मेरे पास वैध प्रेस कार्ड और कर्फ्यू पास भी है। ” श्रीनगर में ईदगाह होते हुए शेरे.कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान जाने वाली सड़क खुली है और केवल अस्पताल कर्मियों और मरीजों को ही जाने की अनुमति दी गई है। कुछ डाॅक्टरों ने यूनीवार्ता को बताया कि वैध परिचयपत्र और कर्फ्यू पास होने के बावजूद उन्हें वांछित स्थानों तक जाने नहीं दिया जा रहा और काफी चक्कर लगाना पड़ रहा है।

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