भारत-अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग से संबंधित ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 अगस्त 2016

भारत-अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग से संबंधित ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर


वाशिंगटन 30 अगस्त, भारत के साथ सैन्य साजो सामान के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अमेरिका ने अपने करीबी रक्षा सहयोगियाें की भांति भारत के साथ भी रक्षा,व्यापार और तकनीक सांझा करने के पर सहमति जताई है। इस समझौते के साथ ही अमेरिका अपने करीबी सहयोगियों की तरह भारत के साथ भी रक्षा,व्यापार और तकनीक संबंधी सहयोग करने पर सहमत हाे गया है । 



रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर तथा अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर के लेमोआ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद जारी एक साझा बयान में कहा गया है कि साजो-सामान संबंधी सहयोग पर रजामंदी के बाद दोनों देशों के कानून,नीतियों और नियमों के अनुरूप ही उपलब्ध कराया जायेगा । बयान के अनुसार इस सहयोग के बदले एक देश दूसरे को या तो इसका नकद भुगतान करेगा अथवा दूसरे देश को बदले में साजो-सामान,आपूर्ति तथा सेवाओं में सहायता देगा । रक्षा क्षेत्र में इस अहम समझौते के बाद दोनों देश एक दूसरे के सैन्य अड्डों का इस्तेमाल साजो-सामान तथा अन्य सेवाओं को साझा करने के लिए कर सकेंगे। 



इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सैन्य साजो सामान में सहयोग,आपूर्ति और सेवा जिनमें भोजन,पानी, परिवहन,पेट्रोलियम, तेल, लुब्रिकेंट्स, कपड़े, संचार सेवाएं, चिकित्सा सेवाएं, भंडारण सेवाएं, प्रशिक्षण सेवाएं, कलपुर्जे और कंपोनेंट्स,मरम्मत और रख रखाव सेवाएं, जांच सेवाएं, और पोर्ट सेवाएं शामिल हैं,का आदान-प्रदान किया जा सकेगा। दो तरफा साजो-सामान-आदान प्रदान सहयोग का इस्तेमाल संयुक्त अभ्यास,संयुक्त प्रशिक्षण और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत के दौरान किया जाएगा । श्री कार्टर के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में श्री पर्रिकर ने कहा कि भारत को अपना मुख्य रक्षा साझीदार बनाए जाने के लिए वह अमेरिकी सरकार का धन्यवाद करते हैं। श्री पर्रिकर ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा तकनीक और निर्माण के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाए जाने पर भी बातचीत की है। 



श्री पर्रिकर ने कहा कि अमेरिका भारत के लिए रक्षा उपकरण की खरीद का मुख्य स्रोत रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ कुछ आधुनिक तकनीक सांझा की हैं। रक्षा मंत्रालय में अपनी आधिकारिक बैठकों के बाद श्री पर्रिकर श्री कार्टर के साथ 9/11 हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक स्थल पर भी गए। इसके अलावा श्री पर्रिकर ने अमेरिका की रक्षा अनुसंधान इकाई और साइबर कमान का दौरा भी किया ।

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