पटना 11 अगस्त, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि नीतीश सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने में जानबूझ कर एक महीने तक अड़ंगा डाले रही ताकि लाखों किसान इसके लाभ से वंचित हो जाए और सरकार को क्षतिपूर्ति के तौर पर कम से कम राशि देनी पड़े। श्री मोदी ने यहां कहा कि धान की खरीद में विफल रही सरकार ने जहां कृषि रोड मैप को ठंडे बस्ते में डाल दिया है वहीं वर्ष 2014-15 की तुलना में कृषि और सहकारिता के योजना व्यय में 30 प्रतिशत की कटौती कर दी है । उन्होंने कहा कि फसल बीमा की अधिक प्रीमियम दर की बात करने वाली सरकार बताये कि क्या भाजपा शासित राजस्थान में प्रीमियम की दर 21.20, महाराष्ट्र में 20.50 और गुजरात में 16.46 प्रतिशत नहीं है । भाजपा नेता ने कहा कि पहले की तुलना में नई फसल बीमा योजना में कवरेज का दायरा बढ़ा है तथा क्षति के आंकलन के लिए एक प्रखंड में 16 की जगह अब 64 से 80 स्थानों पर कटनी करनी होगी तथा फसल की बुआई से लेकर कटनी के बाद तक किसानों को नुकसान की भरपाई करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि क्या किसानों के व्यापक हित में उसे इस खर्च को नहीं उठाना चाहिए । श्री मोदी ने कहा कि जब बीमा योजना में शामिल होने के अंतिम चार दिन बचे हैं तो सरकार ने इसे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया जबकि इस बीच तीन दिन बैंक बंद है। नतीजतन पिछले वर्ष जहां गैर ऋणी 65 हजार किसान बीमा का लाभ लिए थे वहीं इस साल उनके साथ ही कर्ज लेने वाले लाखों किसान भी बीमा के लाभ से वंचित हो जायेंगे । भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह पिछले तीन वर्षों की रबी और 2015 की खरीफ फसल की क्षतिपूर्ति की 554 करोड़ की अपनी हिस्सेदारी भी राज्य सरकार ने नहीं दी जिसके कारण बिहार के किसान 1331 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति के लाभ से वंचित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार खरीफ में भी सरकार के विलम्ब करने के कारण बिहार के लाखों किसान बीमा के लाभ से वंचित हो जायेंगे।
शुक्रवार, 12 अगस्त 2016
फसल बीमा लागू करने में नीतीश सरकार जानबूझ कर डाल रही है अड़ंगा : सुशील मोदी
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