मान सम्मान किसको अच्छा नही लगता ? लेकिन क्या इसकी भी कोई बिरादरी है? पाग सम्मान का मिथिला मेंविशेष महत्व है , खासकर किसी विशेष पारंपरिक ,सामाजिक , धार्मिक एवं राजनितिक कार्यक्रम व अनुष्ठानों पर।आजकल पाग सम्मान काफी लोकप्रिय हो रहा है। यूँ तो पारंपरिक रुप से पुरुष ही इस पाग को अपने सिर पर धारणकरते आ रहे है , लेकिन मिथिलालोक फाउंडेशन ने एक नारा दिया है "पाग फॉर ऑल "
इस "पाग फॉर ऑल " नारे का आधार जाति , धर्म व लिंगभेद से अलग पूर्णतः सांस्कृतिक है। मिथिला की सुप्रसिद्ध मधुश्रावणी पर्व के अवसर पर कई महिलाओं ने पाग सम्मान स्वीकार किया।कई नव विवाहिताओं ने सहर्षपाग पहना और कहा की हम अपने इस सांस्कृतिक सिरमौर्य का सम्मान करते है, और इसकी प्रतिष्ठा एवं गरिमा कोअक्षुण्ण बनाये रखने का संकल्प भी लेते है। महिलाओं द्वारा पाग पहनना इस सांस्कृतिक धरोहर के प्रति उनकीआंतरिक लगाव को दर्शाता तो है ही , साथ ही यह कहीं न कहीं मिथिला में हो रहे महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की ओर एक संकेत भी।
मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ बीरबल झा ने कहा कि हम पाग सम्मान कार्यक्रम के द्वारा लोगो को अपनेसंस्कृति की रक्षा एवम उन्हें उनकी जिम्मवारी का भी बोध करवाना चाहते है। ध्यातव्य है कि मिथिलालोकफाउंडेशन "पाग बचाउ अभियान "चला रहा है ताकि देश और समाज की समाजिक ,आर्थिक एवम सांस्कृतिकव्यवस्था को मजबूती मिले। यह एक अनोखा कार्यक्रम है , जिसमे समाज के सभी वर्ग बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे है ,जिससे सामाजिक भेदभाव को दूर करने की दिशा में एक अच्छी पहल हो रही है।
हाल ही में बिहार विधान परिषद के माननीय सदस्य एवं दलित नेता व पूर्व कला संस्कृति एवं शिक्षा मंत्री श्री रामलखन राम रमण पाग पहनकर सदन पहुंचे इनके साथ कई अन्य सम्माननिय नेता व बिहार विधान परिषद सदस्यजिसमे डॉ मदन मोहन झा , श्री विनोद नारायण झा , श्री दिलीप चौधरी एवम नीरज कुमार का नाम उल्लेखनीय है
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