नयी दिल्ली, 15 अगस्त, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज संस्कृत, फारसी, अरबी, पाली तथा प्राकृत भाषाओं के विकास में असाधारण योगदान करने के लिए संबंधित विद्वानों को सम्मानित किया और युवा विद्वानों को महर्षि बादरायन व्यास सम्मान से पुरस्कृत किया। श्री मुखर्जी ने 70 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संस्कृत के सर्वश्री आर. वेंकटरमन, विश्वनाथ गोपालकृष्ण, जियालाल कम्बोज, डॉ. भवेन्द्र झा, प्रो. प्रियतमचन्द्र शास्त्री, प्रो. गुरूपाद के़ हेगडे, प्रो. एस. टी नागराज, सनातन मिश्र, एस. एल. पी. आज्जनेय शर्मा, प्रो. श्रीमती लक्ष्मी शर्मा, प्रो. विश्वनाथ भट्टाचार्य, प्रो. रामानारायण दास, डॉ. रामशंकर अवस्थी, हृदय रंजन शर्मा और डॉ. जानकी प्रसाद द्विवेदी काे सम्मनित किया। संस्कृत में अंतर्राष्ट्रीय सम्मान श्री फरनांडो तोला को दिया गया है। अरबी भाषा के लिए सर्वश्री अब्दुल मुसाब्बीर भुइया, सैयद असद रज़ा हुसैन और बदर-ए-जमाल इस्लाही और फारसी भाषा के लिए हकीम सैयद गुलाम मेहदी राज़, चौधरी वहहाज अहमद अशरफ और मौलवी एच. रहमान काबली को सम्मानित किया गया है। पाली भाषा के लिए डॉॅ. बेला भट्टाचार्य और प्राकृत भाषा के लिए डाॅॅ. दामोदर शास्त्री को सम्मानित किया गया। इनके अलावा राष्ट्रपति ने संस्कृत, फारसी, अरबी, पाली तथा प्राकृत भाषाओं के युवा विद्वानों को महर्षि बादरायन व्यास सम्मान भी प्रदान किया गया है। इनमें संस्कृत के लिए डॉ. महानन्द झा, डॉ. सुन्दर नारायण झा, डॉ. जी. एस. वी. दत्तात्रेय मूर्ति आैर डॉ. विश्वनाथ धिताल तथा डॉ. शंकर राजारमन शामिल हैं। अरबी भाषा के लिए डॉ. मो. कुतबुद्दीन, फारसी के लिए डॉ. हसीनुज़्ज़मान, पाली के लिए डॉ. उज्जवल कुमार और प्राकृत के लिए डॉ. योगेश कुमार जैन को सम्मानित किया गया है।
मंगलवार, 16 अगस्त 2016
राष्ट्रपति ने साहित्यकारों को सम्मानित किया
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