नयी दिल्ली, 11 अगस्त, केन्द्र सरकार पर विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश के हिस्से की राशि जारी करने में भेदभाव का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने आज राज्यसभा में जमकर हंगामा किया जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं चल पायी। सपा के रामगोपाल यादव ने सदन की बैठक शुरू होते ही यह मुद्दा उठाया । इसके साथ ही सपा के सदस्य केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के समीप आ गये जिसके कारण कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। श्री यादव ने मामला उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री , मुख्य सचिव, और मंत्रियों ने केन्द्र सरकार को अनेकों पत्र लिखकर विभिन्न योजनाओं के लिए केन्द्र की ओर से राशि नहीं जारी किये जाने का मुद्दा कई बार उठाया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव कर रहा है जिससे विभिन्न योजनाओं का काम लटका पडा है। केन्द्र का कहना है कि राज्य सरकार पैसे को खर्च नहीं कर रही है लेकिन वह कहना चाहते हैं कि यदि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार होती तो केन्द्र पैसा जारी कर देता। उन्होंने कहा कि यदि सरकार दो तीन दिन में उत्तर प्रदेश के हिस्से का पैसा नहीं जारी करता है तो वह सदन का कामकाज नहीं चलने देंगे। श्री यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश को 385 करोड रूपये की राशि जारी नहीं की है । इसी तरह अनुसूचित जाति और पिछडे वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के 425 करोड रूपये नहीं दिये गये हैं जिससे 8 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। बाण सागर योजना के तहत भी 1766 करोड़ रूपये की राशि बकाया है। बाढ प्रबंधन और ओला वृष्टि के लिए भी क्रमश: 152 करोड और 441 करोड रूपये की राशि दी जानी है। प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत भी राशि नहीं दिये जाने से सडकों का काम अधूरा पडा है। इसके बाद सपा के सदस्य अासन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही जनता दल यू के अली अनवर अंसारी ने बिहार में बाढ का मामला उठाते हुए कहा कि राज्य के 14 जिलों में बाढ से तबाही के कारण 35 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और बडी संख्या में फसल डूब गई है। केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत आधी राशि जारी नहीं कर रही है जिससे राहत कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहे हैं। इसके बाद जद यू के सदस्य भी आसन के पास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।

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